जीएसएलवी
प्रक्षेपण इतिहास
GSLV
Launch History
प्रक्षेपण इतिहास |
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उडान |
प्रक्षेपण तिथि |
वैरियैन्ट |
लॉन्च पैड |
पेयलोड |
पेयलोड भार |
परिणाम |
डी1 |
18 अप्रैल 2001 |
एमके-I(ए) |
प्रथम |
जीसैट-1 |
1540 कि.ग्रा. |
आंशिक असफल |
आंशिक असफलता, विकासाधीन उड़ान, ऊपरी चरण
में पेलोड को योजनाबद्ध कक्षा से नीचे स्थापन करने के कारण, जिसे सही नहीं किया जा सका। इसरो ने लॉन्च को
सफल बनाने का दावा किया और जीसैट-1 की विफलता का दावा किया। |
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डी2 |
8 मई 2003 |
एमके-I(ए) |
प्रथम |
जीसैट-2 |
1825 कि.ग्रा. |
सफल |
विकासाधीन उड़ान |
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एफ1 |
20 सितंबर 2004 |
एमके-I(बी) |
प्रथम |
जीसैट-3 |
1950 कि.ग्रा. |
सफल |
सफल, प्रथम प्रचालन उड़ान |
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एफ2 |
10 जुलाई 2006 |
एमके-I(बी) |
द्वितीय |
इनसैट-4सी |
2168 कि.ग्रा. |
विफल |
असफल, दोनों रॉकेट एवं उपग्रह को बंगाल की खाड़ी के ऊपर
नष्ट किया गया जब रॉकेट की दिशा अनुमत सीमा से बाहर बदल गयी। |
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एफ4 |
2 सितंबर 2007 |
एमके-I(बी) |
द्वितीय |
इनसैट-4सीआर |
2160 कि.ग्रा. |
आंशिक असफल |
रॉकेट कप्रत्याशा से एपोजी नीचा
एवं झुकाव ऊंचा रहा। रॉकेट का प्रदर्शन निम्नस्तरीय होने से एपोजी नीचा एवं
झुकाव प्रत्याशा से अधिक रहा। अपवहन से
ट्रैकिंग असफ़ल हुई जिससे आयु कम हुई एवं प्रचालन काल के 5 वर्ष कम हुए। अंत में 22160 कि.ग्रा. का पेलोड भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा में पहुंचा। |
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डी3 |
15 अप्रैल 2010 |
एमके-II |
द्वितीय |
जीसैट-4 |
2220 कि.ग्रा. |
विफल |
असफल, इसरो द्वारा डिजाइन और निर्मित क्रायोजेनिक अपर
स्टेज की पहली परीक्षण उड़ान। क्रायोजेनिक अपर स्टेज के ईंधन बूस्टर टर्बो पंप
की खराबी के कारण कक्षा तक पहुंचने में विफल। |
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एफ6 |
25 दिसंबर 2010 |
एमके-I(सी) |
द्वितीय |
जीसैट-5पी |
2310 कि.ग्रा. |
विफल |
जीएसएलवी एमके-I(सी) की पहली
उड़ान। तरल ईंधन बूस्टर पर नियंत्रण खोने के बाद सीमा सुरक्षा अधिकारी द्वारा
नष्ट कर दिया गया। |
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डी5 |
5 जनवरी 2014 |
एमके-II |
द्वितीय |
जीसैट-14 |
1980 कि.ग्रा. |
सफल |
उड़ान 19 अगस्त 2013 के लिए
निर्धारित थी। लेकिन एक घंटे और 14 मिनट पहले लिफ्ट होने से
पहले एक रिसाव की सूचना मिली और प्रक्षेपण रोक दिया गया। जीएसएलवी की दूसरी उड़ान
इसरो द्रव नोदन प्रणाली केंद्र द्वारा विकसित स्वदेशी क्रायोजेनिक अपर स्टेज के
साथ 5 जनवरी 2014 को सफलतापूर्वक
प्रक्षेपण किया गया। 40 मीटर की परिशुद्धता के साथ लांच
किया गया था। सभी तीन चरणों ने सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। यह क्रायोजेनिक चरण जो भारत में स्वदेशी रूप से विकसित किया गया था की
पहली सफल उड़ान थी। |
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डी6 |
27 अगस्त 2015 |
एमके-II |
द्वितीय |
जीसैट-6 |
2117 कि.ग्रा. |
सफल |
स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ
जीएसएलवी एमके-II डी6 सफलतापूर्वक भूस्थिर
अंतरण कक्षा के 170 X 35945 किमी, 19.96 डिग्री के झुकाव के इंजेक्शन मानकों के साथ जीसैट-6 पेलोड को कक्षा में छोड़ा। घनाभ के आकार का जीसैट-6 उपग्रह जो नौ साल की अपनी अपेक्षित मिशन जीवन के दौरान एस-बैंड संचार
सेवाएं प्रदान करेगा। |
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एफ5 |
8 सितंबर 2016 |
एमके-II |
द्वितीय |
इनसैट-3डीआर |
2211 कि.ग्रा. |
सफल |
एफ9 |
27 अगस्त 2015 |
एमके-II |
द्वितीय |
जीसैट-9/दक्षिण एशिया उपग्रह |
2230 कि.ग्रा. |
सफल |
स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ
जीएसएलवी एमके-II डी6 सफलतापूर्वक भूस्थिर
अंतरण कक्षा के 170 X 35945 किमी, 19.96 डिग्री के झुकाव के इंजेक्शन मानकों के साथ जीसैट-6 पेलोड को कक्षा में छोड़ा। घनाभ के आकार का जीसैट-6 उपग्रह जो नौ साल की अपनी अपेक्षित मिशन जीवन के दौरान एस-बैंड संचार
सेवाएं प्रदान करेगा। |
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योजनाबद्ध प्रक्षेपण |
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एफ8 |
29 मार्च 2018 |
एमके-II |
द्वितीय लांच पैड |
जीसैट-6ए |
2140 कि.ग्रा. |
सफल |
योजनाबद्ध प्रक्षेपण |
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एफ10 |
अक्टूबर 2018 |
एमके-II |
द्वितीय |
चंद्रयान-२ |
3290 कि.ग्रा. |
योजना |
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एमके-II |
द्वितीय |
जीसैट-7ए |
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योजना |
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2018 |
एमके-II |
द्वितीय |
नेक्सस्टार 1, 2 |
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योजना |
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2018 |
एमके-II |
द्वितीय |
भू इमेजिंग उपग्रह 1 |
2100 कि.ग्रा. |
योजना |
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2020 |
एमके-II |
द्वितीय |
मंगलयान 2 |
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योजना |
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दिसंबर 2020 |
एमके-II |
द्वितीय |
निसार |
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योजना |
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नासा/इसरो सहयोग |
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वेरिएंट |
प्रक्षेपण |
सफल |
असफल |
आंशिक सफल |
जीएसएलवी एमके। |
6 |
2 |
2 |
2 |
जीएसएलवी एमके।। |
7 |
6 |
1 |
0 |
दिसम्बर 2020 तक कुल |
13 |
8 |
3 |
2 |
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