शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020

विश्व डाक दिवस (World Post Day)

 


विश्व डाक दिवस

(World Post Day)

विश्व डाक दिवस प्रत्येक वर्ष 9 अक्टूबर को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) की सालगिरह पर होता है, जो 1874 में स्विट्जरलैंड में शुरू हुआ था। यूपीयू वैश्विक संचार क्रांति की शुरुआत थी, जिसने पूरी दुनिया में दूसरों को पत्र लिखने की क्षमता का परिचय दिया। विश्व डाक दिवस 1969 में शुरू हुआ। तब से, दुनिया भर के देश डाक सेवा के महत्व को उजागर करने के लिए समारोहों में भाग लेते हैं। इस दिन कई चीजें होती हैं। कुछ देशों के डाकघरों में विशेष स्टाम्प संग्रह प्रदर्शनियाँ होती हैं; डाक उपायों पर खुले दिन होते हैं और डाक इतिहास पर कार्यशालाएं होती हैं। यूपीयू युवा लोगों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित करता है।

कई शताब्दियों से डाक प्रणालियां चल रही हैं। इतिहास में वापस आने से पहले, लोगों ने एक दूसरे को पत्र भेजे। इन्हें विशेष दूतों द्वारा पैदल या घोड़े पर चढ़ाया जाता था। 1600 के दशक से कई देशों में पहला राष्ट्रीय डाक प्रणाली शुरू हुई। ये अधिक संगठित थे और कई लोग इनका उपयोग कर सकते थे। धीरे-धीरे देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेल का आदान-प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की। 1800 के दशक के अंत तक एक वैश्विक डाक सेवा थी, लेकिन यह धीमी और जटिल थी। 1874 में यूपीयू के जन्म ने आज अस्तित्व में कुशल डाक सेवा के लिए रास्ता खोल दिया। 1948 में, यूपीयू संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी बन गई।

इतिहास

9 अक्टूबर को पहली बार जापान, जापान में 1969 यूपीयू कांग्रेस में विश्व डाक दिवस घोषित किया गया था। प्रस्ताव भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य श्री आनंद मोहन नरूला द्वारा प्रस्तुत किया गया था। तब से, डाक सेवाओं के महत्व को उजागर करने के लिए पूरे विश्व में विश्व डाक दिवस मनाया जाता है।

भारतीय डाक

1 जुलाई, 1876 को भारत यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना[1] तथा भारत में पहली बार वर्ष 1766 में डाक व्‍य‍वस्‍था की शुरूआत की गई, वर्तमान में भारतीय डाक विभाग की स्थिति इस प्रकार से है 150 वर्षों से अधिक पुरानी इस संस्था में डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस है जिनमें से 89.87% ग्रामीण क्षेत्रों में है तथा औसतन 21.23 वर्ग किलोमीटर में यह लगभग 8086 जनसंख्या को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना 1 अक्तूबर, 1854 को हुई।भारतीय डाक विभाग 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाता है।वर्ष 1766 में भारत में पहली बार डाक व्यवस्था का प्रारंभ हुआ,वारेन हेस्टिंग्स में कोलकाता में प्रथम डाकघर वर्ष 1774 को स्थापित किया। भारत में सन 1852 में प्रथम बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई तथा महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट 1 अक्टूबर सन 1854 को जारी किया गया। भारत में अब तक का सबसे बड़ा डाक टिकट पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर 20 अगस्त सन 1991 को जारी किया गया था।

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