दक्षिण आयोग (South Commission)
हरारे निर्गुट सम्मेलन में 1986 में विकासशील देशों में आपसी सहयोग में वृद्धि करने के लिए
दक्षिण आयोग की स्थापना का प्रस्ताव पास हुआ। इसके बाद 2 अक्टूबर 1987 को इस अंतरराष्ट्रीय संगठन ने जेनेवा में अपना
कार्यालय खोला। तंजानिया को इस 28 सदस्यीय आयोग का अध्यक्ष तथा भारत को महासचिव का पद
प्राप्त हुआ। आयोग के उद्घाटन पर इसके अध्यक्ष न्येरेरे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय
वित्तीय संस्थाओं और ऋणदाता देशों द्वारा लागू की गई नीतियों से विकासशील देशों को
निराशा ही हुई है। इसकी दूसरी बैठक मार्च, 1988 को कुआलालम्पुर में हुइ्र। इस बैठक में सदस्यों
ने आत्मनिर्भरता के लिए दक्षिण-दक्षिण सहयोग तथा उत्तर दक्षिण सम्बन्धों की
समस्याओं पर एकजुट होने का वचन लिया। इसकी अध्यक्षता भी तंजानिया के भूतपूर्व
राष्ट्रपति जूलियस न्येरेरे ने की। इस तरह यह आयोग दक्षिण-दक्षिण सहयोग को आगे
बढ़ाने में महत्वपूर्ण करता आ रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें