राजीव गाँधी
अक्षय ऊर्जा दिवस
(Rajiv
Gandhi Renewable Energy Day)
सशक्तीकरण दिवस
भारत
(Empowerment
Day India)
समरसता दिवस
(Harmony Day)
सद्भावना दिवस
(Goodwill
Day)
अक्षय उर्जा में वे सभी उर्जा शामिल हैं जो प्रदूषणकारक
नहीं हैं और जिनके स्रोत का क्षय नहीं होता है, या जिनके स्रोत का पुनः-भरण होता रहता है। सौर
ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत उर्जा, ज्वार-भाटा से प्राप्त उर्जा, बायोगैस, जैव इंधन आदि नवीकरणीय उर्जा के कुछ उदाहरण हैं।
अक्षय ऊर्जा का महत्व
ऊर्जा आधुनिक जीवन शैली का अविभाज्य अंग बन गयी है। ऊर्जा
के बिना आधुनिक सभ्यता के अस्तित्व पर एक बहुत बडा प्रश्न-चिह्न लग जाएगा।
अक्षय ऊर्जा, अक्षय विकास का प्रमुख स्तम्भ है।
अक्षय उर्जा, ऊर्जा का ऐसा विकल्प है जो असीम (असीम) है।
ऊर्जा का पर्यावरण से सीधा सम्बन्ध है। ऊर्जा के परम्परागत
साधन (जैक, गैस, पेट्रोल आदि) सीमित मात्रा में होने के साथ-साथ
पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक हैं। दूसरी ओर ऊर्जा के ऐसे विकल्प हैं जो अनुपलब्ध
हैं और जो पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
वैश्विक गर्मी (ग्लोबल वार्मिंग) और जलवायु परिवर्तन से
बचाव
अक्षय ऊर्जा स्रोत वर्ष संगन्त अबाध रूप से भारी मात्रा में
उपलब्ध होने के साथ साथ सुरक्षित, स्वतः: स्फूर्त और आश्रित हैं। साथ ही इनका समान
वितरण भी संभव है। भारत में अपार मात्रा में जैवीय पदार्थ, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस और लघु पनबिजली उत्पादक स्रोत हैं। 21 वीं शताब्दी का स्वरूप जीवाश्म ऊर्जा के बिना
निर्धारित होने वाला है जबकि 20 वीं शताब्दी में वह उसके द्वारा निर्धारित किया
गया था। पूरी दुनिया में, कार्बन रहित ऊर्जा स्रोतों के विकास और उन पर शोध अब
प्रयोगशाला की चाहरदीवारी से बाहर आकर औद्योगिक और व्यापारिक वास्तविकता बदल चुकी
है।
भारत और सौर ऊर्जा
सूरजमुखी, रिमीय ऊर्जा का प्रतीक है क्योंकि यह सूर्य के
प्रकाश का अत्यधिक उपयोग करता है, इससे बायोडीजल बनाया जाता है, और इसका 'मुख' सूरज जैसा लगता है।
देश का अपारम् और ऊर्जा कार्यक्रम विश्व के इस प्रकार के
विशालतम कार्यक्रमों में से एक है। इसके अन्तर्गत विभिन्न प्रौद्योगिकी, बायोगैस, समुन्नत चूल्हे, बायोमास गैसीफायर, शीघ्र बढ़ने वाली वृक्ष-प्रजातियाँ, जैवीय पदार्थ का छिड़काव एवं सह-उत्पादन, पवन-चक्कियों द्वारा जल निकासी, वायुकोशीयों द्वारा शक्ति का उत्पादन, सौर तापीय व फोटो वोल्टायिक प्रणालियाँ,। नागरी घरेलू और औद्योगिक अवजल व कचरे से ऊर्जा
उत्पादन, हाइड्रोजन ऊर्जा, समुद्री ऊर्जा, फुएल सेल, विद्युत चालित वाहन (बसें) व परिवहन के लिए
वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों पर कार्य हो रहा है।
आने वाले कुछ हजार वर्षों में ही हमारे परम्परागत ऊर्जा
स्रोत समाप्त हो जाएंगे। जिसे बनाने में प्रकृति ने लाखों वर्ष पाए हैं उसे हम कुछ
ही मिनटों में समाप्त कर देते हैं। पर्यावरणीय प्रदूषण, सामाजिक और आर्थिक आधार और राजनीतिक उठापटक
समस्या को और गंभीर बना रहे हैं। अतएवंचीय ऊर्जा स्रोतों का विकास व प्रयोग और इस
हेतु दृढ़ इच्छा शक्ति का होना आज की आवश्यकता है।
सशक्तीकरण दिवस भारत में प्रत्येक वर्ष '20 अगस्त' को मनाया जाता है। इसे 'समरसता दिवस' और 'राजीव गाँधी अक्षय ऊर्जा दिवस' के नाम से भी जाना जाता है। यह महत्त्वपूर्ण
दिवस भारत के दिवंगत भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की स्मृति में मनाया जाता
है। राजीव गाँधी सरकार का एकमात्र मिशन दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना था। भारत
के सभी धर्मों के बीच सामुदायिक समरसता, राष्ट्रीयता, शांति, प्रेम और लगाव को लोगों में बढ़ावा देने के लिए
यह दिन हर साल '20 अगस्त' को काँग्रेस पार्टी द्वारा केक काटकर मनाया
जाता है।
''संभावना दिवस'' भारत में प्रत्येक वर्ष
पूर्व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिवस के
अवसर पर देश के अलग-अलग राज्यों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और आयोजित किए जाते हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्येक द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा
को जानने के लिए 'राजीव
गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव
गाँधी राष्ट्रीय राष्ट्रीय संभावना पुरस्कार' सूचीबद्ध किया
जाता है।
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा गया था। उनके
वर्षगाँठ पर देश के विकास के लिये लिये गये उनके भाषणों के उत्साहपूर्ण और
प्रेरणादायी शब्द हमेशा याद किये जाते हैं।
महत्त्व
राजीव गाँधी की स्मृति में प्रत्येक वर्ष भावना सम्भावना
दिवस ’मनाया जाता है, जिसने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। उनके
द्वारा देश के लिये किये गये कई सामाजिक और आर्थिक कार्यों के द्वारा भारत को एक
विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को साफतौर पर देखा जा सकता है।) उनके वर्षगाँठ
पर देश के विकास के लिये लिये गये उनके भाषणों के उत्साहपूर्ण और प्रेरणादायी शब्द
हमेशा याद किये जाते हैं। उनका कहा गया एक-एक शब्द बहुत प्रेरणादायी होता है, जो देश के युवाओं को भारत का नेतृत्व करने के
लिए आज भी प्रेरणा देता है।)
संभावना दिवस प्रतिरूप
"मैं ये पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं जाति, क्षेत्र, धर्म और भाषा को बिना ध्यान दिए भारत के सभी
लोगों की भावनात्मक एक आलोचनाता और सशक्ति के लिए कार्य करुँगा। और मैं कसम खाता
हूँ कि बिना हिंसा के संवैधानिक सदनों और सहभागिता के द्वारा। एक-दूसरे के बीच की
दूरियों को निश्चित रूप से समाप्त कर दिया जाएगा। "
'राजीव गाँधी राष्ट्रीय संभावना संभावना' की
प्राप्ति
विभिन्न क्षेत्रों में लोगों द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को
जानने के लिए 'राजीव
गाँधी संस्था' द्वारा इस दिन 'राजीव
गाँधी राष्ट्रीय उपलब्धि संभावना' का विवरण किया जाता है। यह
पुरस्कार हर साल राजीव गांधी के जन्मदिन पर 20 अगस्त को
आयोजित एक समारोह में दिया जाता है। पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र और तीन लाख
रुपए की धनराशि दी जाती है।
'राजीव गाँधी राष्ट्रीय पुरस्कार' प्राप्त व्यक्ति
क्र.सं. |
व्यक्ति |
क्र.सं. |
व्यक्ति |
1. |
मदर टेरेसा |
2. |
सुनील दत्त |
3. |
लता मंगेशकर |
4. |
उस्ताद
बिस्मिल्लाह ख़ाँ |
5. |
के. आर.
नारायणन |
6. |
जगन नाथ कौल |
7. |
दिलीप कुमार |
8. |
मौलाना
वहीदुदीन ख़ाँ |
9. |
कपिला
वात्स्यायन |
10. |
मुहम्मद यूनुस |
11. |
हितेश्वर
साईकिया और सुभद्रा जोशी (संयुक्त) |
12. |
निर्मला
देशपांडे |
13. |
तीस्ता
सीतलवाड़ और हर्ष मंडेर
(संयुक्त) |
14. |
एस. एन. सुब्बाराव, स्वामी अग्निवेश और मदारी मोईदीन (संयुक्त) |
15. |
एन.
राधाकृष्णन |
16. |
डी. आर. मेहता |
17. |
हेम दत्ता |
18. |
मुजफ़्फ़र अली
(भारत के नामी फ़िल्मकार) |
19. |
गौतम भाई |
20. |
स्पाइक
निर्माता |
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