भारत रत्न
Bharat
Ratna
भारत रत्न
भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता
है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान
की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के
तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान
इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ
में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह
प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 14 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को
घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न
दिया जा सकता है।
उल्लेखनीय
योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात्
क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और
पद्मश्री हैं।
श्री सचिन
तेंदुलकर जी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन को भारत रत्न प्राप्त हुआ है और वह भारत
रत्न प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी हैं इसके पश्चात भारत रत्न
श्री अटल बिहारी वाजपेई जी को भी प्राप्त हुआ है यह उनको भारत को समर्पित अत्यंत
प्रभावशाली राजनीतिक जीवन के लिए दिया गया है
पदक
मूल रूप
में इस सम्मान के पदक का डिजाइन 35 मिमि गोलाकार
स्वर्ण मैडल था। जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में
भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्प हार था। और पीछे की तरफ़ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो
था। फिर इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का
चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है "भारत
रत्न" और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
भारत रत्न
से सम्मानित होने वाली पहली गायिका श्रीमती एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी हैं जिसको सन् 1998
में दिया गया। आमतौर पर भारत में जन्मे नागरिकों को ही भारत रत्न से
सम्मानित किया जाता है, लेकिन मदर टेरेसा और दो गैर-भारतीयों,
पाकिस्तान के राष्ट्रीय खान अब्दुल गफ्फार खान और दक्षिण अफ्रीका के
पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला को प्रदान किया गया है। 25 जनवरी
2019 को, सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता
नानाजी देशमुख (मरणोपरांत), गायक-संगीत निर्देशक भूपेन
हजारिका (मरणोपरांत) और भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पुरस्कार देने
की घोषणा की।
1992 में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को भारत रत्न से मरणोपरान्त सम्मानित किया
गया था। लेकिन उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण पुरस्कार के मरणोपरान्त स्वरूप को
लेकर प्रश्न उठाया गया था। इसीलिए भारत सरकार ने यह सम्मान वापस ले लिया। उक्त
सम्मान वापस लिये जाने का यह एकमेव उदाहरण है।
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