अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस
International Mountain Day
दुनिया में पर्वत न होते तो ये दुनिया कितनी अधूरी
होती। पर्वत जहां खूबसूरती, ऊंचाई और दृढ़ता
का प्रतीक हैं, वहीं कई सारे लोगों का जनजीवन इन पर आश्रित होता
है। लोग पहाड़ों पर रहकर अपना जीवन गुजार देते हैं। यहां खेती करके रोजगार भी पा
लेते हैं। पर्वतों पर ही पशुपालन भी होता है, ऐसे में
पर्वतों का संरक्षण एक ऐसा विषय है जिस पर वर्तमान जलवायु परिवर्तन को ध्यान में
रखते हुए प्रकाश डालना जरूरी है। 11 दिसंबर को पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय पर्वत
दिवस मनाने जा रहा है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम इस दिन के महत्व को समझें एवं
इतिहास को जानें। अगली स्लाइड्स के माध्यम से जानिए पहाड़ों के इस खास दिन के बारे
में।
दुनिया में पर्वत न होते तो ये दुनिया कितनी
अधूरी होती। पर्वत जहां खूबसूरती, ऊंचाई और दृढ़ता
का प्रतीक हैं, वहीं कई सारे लोगों का जनजीवन इन पर आश्रित होता
है। लोग पहाड़ों पर रहकर अपना जीवन गुजार देते हैं। यहां खेती करके रोजगार भी पा
लेते हैं। पर्वतों पर ही पशुपालन भी होता है, ऐसे में
पर्वतों का संरक्षण एक ऐसा विषय है जिस पर वर्तमान जलवायु परिवर्तन को ध्यान में
रखते हुए प्रकाश डालना जरूरी है। 11 दिसंबर को पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय पर्वत
दिवस मनाने जा रहा है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम इस दिन के महत्व को समझें एवं
इतिहास को जानें। अगली स्लाइड्स के माध्यम से जानिए पहाड़ों के इस खास दिन के बारे
में।
क्यों मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाने के पीछे मुख्य
कारण यह है कि बहुत सारे लोगों का जनजीवन पर्वतों से जुड़ा हुआ है। जलवायु और
भूमिगत परिवर्तनों के कारण पर्वतों की भूगोलिक स्थिति में परिवर्तन आ रहा है।
पर्वतीय क्षेत्रों में विकास होता रहे इसलिए जरूरी है कि इन इलाकों में पर्यावरण संरक्षण हो। पर्वतों से जुड़े लोग पर्वतों के
प्रति अपने दायित्वों को समझें, इन्हीं बातों को
ध्यान में रखकर प्रतिवर्ष इस दिन का आयोजन होता है।
कैसे मनाया जाता है
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