मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020

वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे (World Osteoporosis Day)

 


वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे

(World Osteoporosis Day)

वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे” (World Osteoporosis Day) प्रत्येक वर्ष 20 अक्टूबर को ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम, निदान और उपचार के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डेका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों (health-care professionals), मीडिया, नीति निर्माताओं, रोगियों और बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचकर ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर की रोकथाम को वैश्विक स्वास्थ्य प्राथमिकता बनाना है।

कब हुई इस दिन की शुरुआत

यूनाइटेड किंगडम की नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस सोसाइटी द्वारा 20 अक्टूबर 1996 को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवसकी शुरुआत की गई थी और इसका समर्थन यूरोपियन आयोग ने किया था। वर्ष 1997 से अंतर्राष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन द्वारा इस जागरूकता दिवस का आयोजन किया जाने लगा। इस दिन को ऑस्टियोपोरोसिस और मेटाबॉलिक बोन डिजीज रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक साल तक चलने वाले अभियान को लॉन्च करने के लिए भी जाना जाता है। उसके बाद वर्ष 1999 से प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डेको एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाने लगा।

हड्डियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम है जरूरी

ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसका घनत्व (Bone density) और द्रव्यमान काफी कम हो जाता है। हालांकि, इन खोए हुए बोन डेंसिटी और द्रव्यमान को वापस पाया जा सकता है बशर्ते की आप अपने डायट में कैल्शियम को अधिक मात्रा में शामिल कर दें। इसके लिए आपको कैल्शियम, विटामिन डी और अन्य पोषक तत्त्वों से युक्त खाद्य पदार्थों (calcium rich foods for healthy bones) को भोजन में शामिल करना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां, होल ग्रेन्स, दूध, दही और अन्य पेय पदार्थ जो कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं, उनका सेवन हर दिन करें। जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डियों से संबंधित कोई समस्या नहीं है, वो भी कैल्शियम के सेवन से भविष्य में इन रोगों से बचे रह सकते हैं। इसके साथ ही तिल के बीज के सेवन से भी हड्डियों पर सकारात्मक असर पड़ता है।

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