विश्व हृदय दिवस
(World Heart Day)
विश्व हृदय महासंघ (WHF) 1972 में स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित एक गैर सरकारी संगठन
है।1978 में इंटरनेशनल
सोसाइटी और कार्डियोलॉजी के गठन के लिए इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी का विलय
इंटरनेशनल कार्डियोलॉजी फेडरेशन (जिसे 1970 में स्थापित किया गया था) के साथ हो गया। 1998 में इस संस्था ने अपना नाम बदलकर वर्ल्ड हार्ट
फेडरेशन कर दिया।
महासंघ कार्डियोलॉजी की विश्व कांग्रेस की मेजबानी करता है। कार्डियोलॉजिस्ट
की प्रारंभिक और कुछ अनौपचारिक अंतर्राष्ट्रीय बैठक 1933 में प्राग में आयोजित की गई थी, लेकिन नाजीवाद और द्वितीय विश्व युद्ध के आगमन
ने 1946 तक क्षेत्र में
आगे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को रोका, जब एक कार्डियोलॉजिकल कांग्रेस मैक्सिको सिटी
में हुई। 1950 में पहली बार विश्व कांग्रेस आयोजित की गई थी।
कार्डियोलॉजी की पहली विश्व कांग्रेस इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के
तत्वावधान में सितंबर 1950 में पेरिस में बुलाई गई थी, जिसे चार साल पहले ही स्थापित किया गया था। इसके
बाद 2006 तक चार साल के
अंतराल पर चुनाव हुए; तब से, उन्हें दो साल के अंतराल पर आयोजित किया गया है।
"विश्व हृदय दिवस" की स्थापना 2000 में दुनिया भर के लोगों को यह बताने के लिए की
गई थी कि हृदय रोग और स्ट्रोक दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारण हैं।
विश्व हृदय दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व के विभिन्न देशों में हर साल 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ या ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ मनाया जाता है। विश्व हृदय दिवस 2020 का विषय- “यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज’
(Use heart to beat cardiovascular disease)” है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हृदय रोग से प्रतिवर्ष 2.5 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती हैं तथा वर्ष 2030 तक इन आंकड़ों में 23 मिलियन की वृद्धि होने की संभावना हैं। भारत
में कुल मौतों में से लगभग 26% मौते गैर-संक्रामक रोगों (एनसीडी) यानि कि हृदय रोगों के
कारण होती है।
विश्व हृदय दिवस का इतिहास:
विश्व के लोगों को हृदय रोग के प्रति जागरुक करने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र
ने वर्ष 2000 में हर साल 29 सितंबर को ‘विश्व हृदय दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया। अब तक सितम्बर
के अंतिम रविवार को ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाया जाता रहा था, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (डब्ल्यूएचओ) की भागीदारी से स्वयंसेवी संगठन ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ हर साल ‘विश्व हृदय दिवस’ मनाता है।
विश्व हृदय दिवस का उद्देश्य:
विश्व हृदय दिवस का उद्देश्य पूरे विश्व के लोगों में हृदय से संबंधित होने
वाले रोगों, उनके परिणाम व उनके रोकथाम के लिए जागरूक बनाना है। विश्व में हृदय रोग से
होने वाली मृत्यु की दर सबसे अधिक है।
विश्व हृदय दिवस 2020
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य कार्डियो वास्कुलर रोग (CVD)
के जोखिम को कम करने हेतु निवारक उपायों के प्रति
लोगों में जागरुकता को बढ़ावा देना है.वर्ल्ड हार्ट डे 2020 के लिए थीम (World Heart Day
2020 Theme) है ‘यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज.’ हृदय का कार्य सभी अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति
करने के लिए पूरे शरीर में रक्त पंप करना है, और जब यह इस तरह से काम करने में विफल रहता है, तो इसे हृदय की विफलता (Heart
Failure) के रूप में जाना
जाता है.
विश्व हृदय दिवस के विषय (थीम):
2020 |
“यूज हार्ट टू बीट कार्डियोवस्कुलर डिजीज’ |
Use heart to beat cardiovascular disease |
2019 |
“मेरा दिल, आपका दिल” |
My Heart, Your Heart |
2018 |
“आपका दिल, मेरा दिल” |
Your heart, My Heart |
2017 |
“शक्ति को साझा करें” |
Share the Power |
2016 |
“आपके जीवन की शक्ति” |
Power of your life |
2015 |
“स्वस्थ हृदय का विकल्प सबके लिए, सब जगह” |
Healthy heart choices for everyone, everywhere |
2014 |
“हृदय विकल्प मुश्किल विकल्प नहीं” |
Heart Choices Not Hard Choices |
हृदय किसे कहते है?
हृदय एक पेशी अंग है, जो कि जो हमारे परिसंचरण तंत्र के केंद्र में होता है। इस
प्रणाली में केशिका, शिराओं और धमनियों का एक नेटवर्क होता हैं। यहाँ से रक्त
वाहिकाएं, हमारे शरीर के
सभी भागों में रक्त को लेकर जाती हैं। इस प्रकार यह शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग
होता है। हृदय रोग, हृदय एवं रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाले रोग विकारों
का समूह है, जो कि फेफड़े, मस्तिष्क, गुर्दे और शरीर के अन्य भागों में रक्त की आपूर्ति को बाधित
करता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें