गूगल (google)
गूगल एक अमेरीकी बहुराष्ट्रीय सार्वजनिक कम्पनी है, जिसने
इंटरनेट सर्च, क्लाउड कम्प्यूटिंग और विज्ञापन तंत्र में पूँजी लगायी है।
यह इंटरनेट पर आधारित कई सेवाएँ और उत्पाद बनाता तथा विकसित करता है और यह मुनाफा
मुख्यतया अपने विज्ञापन कार्यक्रम ऐडवर्ड्स (AdWords) से कमाती है। यह कम्पनी स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से
पी॰एच॰डी॰ के दो छात्र लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन द्वारा स्थापित की गयी थी। इन्हें
प्रायः "गूगल गाइस" के नाम से सम्बोधित किया जाता है। सितम्बर 4, 1998 को इसे एक निजि-आयोजित कम्पनी में निगमित किया गया। इसका
पहला सार्वजनिक कार्य/सेवा 19 अगस्त 2004 को
प्रारम्भ हुआ। इसी दिन लैरी पेज, सर्गेई ब्रिन
और एरिक स्ख्मिड्ट ने गूगल में अगले बीस वर्षों (2024) तक एक साथ कार्य करने की रजामंदी की। कम्पनी का शुरूआत से
ही "विश्व में ज्ञान को व्यवस्थित तथा सर्वत्र उपलब्ध और लाभप्रद करना"
कथित मिशन रहा है। कम्पनी का गैर-कार्यालयीन नारा, जोकि
गूगल इन्जीनियर पौल बुखीट ने निकाला था— "डोन्ट बी इवल
(बुरा न बनें)"। सन् 2006 से कम्पनी
का मुख्यालय माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया में है।
गूगल विश्वभर में फैले अपने डाटा-केन्द्रों से दस लाख से
ज़्यादा सर्वर चलाता है और दस अरब से ज़्यादा खोज-अनुरोध तथा चौबीस पेटाबाईट
उपभोक्ता-सम्बन्धी जानकारी (डाटा) संसाधित करता है। गूगल की सन्युक्ति के पश्चात्
इसका विकास काफ़ी तेज़ी से हुआ है, जिसके कारण
कम्पनी की मूलभूत सेवा वेब-सर्च-इंजन के अलावा, गूगल
ने कई नये उत्पादों का उत्पादन, अधिग्रहण और
भागीदारी की है। कम्पनी ऑनलाइन उत्पादक सौफ़्ट्वेयर, जैसे
कि जीमेल ईमेल सेवा और सामाजिक नेटवर्क साधन, ऑर्कुट और
हाल ही का, गूगल बज़ प्रदान करती है। गूगल डेस्कटॉप कम्प्युटर के
उत्पादक सोफ़्ट्वेयर का भी उत्पादन करती है, जैसे— वेब
ब्राउज़र गूगल क्रोम, फोटो व्यवस्थापन और सम्पादन
सोफ़्ट्वेयर पिकासा और शीघ्र संदेशन ऍप्लिकेशन गूगल टॉक। विशेषतः गूगल, नेक्सस
वन तथा मोटोरोला ऍन्ड्रोइड जैसे फोनों में डाले जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम
ऍन्ड्रोइड, साथ-ही-साथ गूगल क्रोम ओएस, जो
फिलहाल भारी विकास के अन्तर्गत है, पर सीआर-48 के
मुख्य ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में प्रसिद्ध है, के
विकास में अग्रणी है। एलेक्सा google.com को इंटरनेट
की सबसे ज़्यादा दर्शित वेबसाइट बताती है। इसके अलावा गूगल की अन्य वेबसाइटें (google.co.in, google.co.uk, आदि) शीर्ष की सौ वेबासाइटों में आती हैं। यही स्थिती गूगल
की साइट यूट्यूब और ब्लॉगर की है। ब्रैंडज़ी के अनुसार गूगल विश्व का सबसे ताकतवर
(नामी) ब्राण्ड है। बाज़ार में गूगल की सेवाओं का प्रमुख होने के कारण, गूगल
की आलोचना कई समस्याओं, जिनमें व्यक्तिगतता, कॉपीराइट
और सेंसरशिप शामिल हैं, से हुई है। अगर भारत में गूगल के CEO की बात
की जाए तो भारत में गूगल के CEO सुंदर पिचाई
जी है जिनकी सालाना कमाई लगभग 1300 से 1500 करोड़
रूपये है।
इतिहास
गूगल का प्रारम्भिक मुखपृष्ठ एक साधारण डिजाइन था, क्योंकि
इसके संस्थापक वेब पेज डिजाइनिंग की भाषा, एचटीएमएल (HTML) में अनुभवी नहीं थे।
गूगल की शुरुआत 1996 में एक
रिसर्च परियोजना के दौरान लैरी पेज तथा सर्गेई ब्रिन ने की। उस वक्त लैरी और सर्गी
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, कैलिफ़ोर्निया में पीएचडी के छात्र
थे। उस समय, पारम्परिक सर्च इंजन सुझाव (रिजल्ट) की वरीयता वेब-पेज पर
सर्च-टर्म की गणना से तय करते थे, जब कि लैरी
और सर्गेई के अनुसार एक अच्छा सर्च सिस्टम वह होगा जो वेबपेजों के ताल्लुक का
विश्लेषण करे। इस नये तकनीक को उन्होंने पेजरैंक (PageRank) का नाम दिया। इस तकनीक में किसी वेबसाइट की
प्रासंगिकता/योग्यता का अनुमान, वेबपेजों की
गिनती, तथा उन पेजों की प्रतिष्ठा, जो
आरम्भिक वेबसाइट को लिंक करते हैं के आधार पर लगाया जाता है।
1996 में
आईडीडी इन्फ़ोर्मेशन सर्विसेस के रॉबिन ली ने “रैंकडेक्स” नामक
एक छोटा सर्च इंजन बनाया था, जो इसी तकनीक
पर काम कर रहा था। रैंकडेक्स की तकनीक को ली ने पेटेंट करवा लिया और बाद में इसी
तकनीक पर उन्होंने बायडु नामक कम्पनी की चीन में स्थापना की। पेज और ब्रिन ने
शुरुआत में अपने सर्च इंजन का नाम “बैकरब” रखा था, क्योंकि
यह सर्च इंजन पिछली कड़ियाँ (backlinks) के आधार पर
किसी साइट की वरीयता तय करता था।
अंततः, पेज और ब्रिन
ने अपने सर्च इंजन का नाम गूगल (Google) रखा। गूगल
अंग्रेज़ी के शब्द गूगोल की गलत वर्तनी है, जिसका मतलब
है− वह नंबर जिसमें एक के बाद सौ शून्य हों। नाम “गूगल” इस बात
को दर्शाता है कि कम्पनी का सर्च इंजन लोगों के लिए जानकारी बड़ी मात्रा में
उपलब्ध करने के लिए कार्यरत है। अपने शुरुआती दिनों में गूगल स्टैनफौर्ड
विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अधीन google.stanford.edu नामक
डोमेन से चला। गूगल के लिए उसका डोमेन नाम 15 सितंबर 1997 को
पंजीकृत हुआ। सितम्बर 4, 1998 को इसे एक निजी-आयोजित कम्पनी में
निगमित किया गया। कम्पनी का पहला कार्यालय सुसान वोज्सिकि (उनकी दोस्त) के गराज
मेंलो पार्क, कैलिफोर्निया में स्थापित हुआ। क्रेग सिल्वरस्टीन व एक साथी
पीएचडी छात्र कम्पनी के पहले कर्मचारी बनें।
वित्तीयन और आरम्भिक सार्वजनिक सेवाएँ
गूगल के निगमन से पहले ही एंडी बेख़्टोल्शीम, सन
माइक्रोसिस्टम्स के सहसंस्थापक, ने अगस्त 1998 में
गूगल को एक लाख़ डॉलर की वित्तीय सहायता दी। 1999 के
शुरुआत में जब वे स्नातक के छात्र थे, ब्रिन और पेज
को लगा कि वे सर्च इंजन पर काफ़ी समय व्यतीत कर रहे हैं और पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे
रहे हैं, इस कारण उन्होंने इसे बेचने का निर्णय लिया और एक्साइट
कम्पनी के सीईओ जॉर्ज बेल को दस लाख़ में बेचने का प्रस्ताव रखा, उन्होंने
यह प्रस्ताव ठुकरा दिया और बाद में अपने इस फैसले के लिए विनोद खोसला की आलोचना
की। जबकि खोसला ने 750,000 डॉलर में कम्पनी खरीदने की ब्रिन और पेज से बात भी कर ली
थी। तब खोसला एक्साइट के उद्यम पूँजीपति थे। 7 जून 1999 को
कम्पनी में 250 लाख़ डॉलर लगाने की घोषणा की गयी, यह
घोषणा प्रमुख निवेशकों के सहित उद्यम पूंजी कम्पनी क्लीनर पर्किन्स कौफ़ील्ड एन्ड
बायर्स तथा सीकोइया कैपीटल के तरफ़ से की गयी।
गूगल की आरम्भिक सार्वजनिक सेवाएँ (IPO) पाँच
साल बाद 19 अगस्त 2004 से चालु
हुई। कम्पनी ने अपने 1,96,05,052 शेयरों का
दाम 85 डॉलर प्रति शेयर रखा। शेयरों को बेचने के लिए एक अनूठे
ऑनलाइन निलामी फ़ॉर्मेट का इस्तेमाल किया गया। इसके लिए मॉर्गन स्टेनली और क्रेडिट
सुइस, जो कि इस निलामी के बीमाकर्ता थे, द्वारा
बनाये गये एक प्रणाली का उपयोग किया गया। 1.67 अरब डॉलर की
बिक्री ने गूगल को बाज़ार में 23 अरब डॉलर से
अधिक की राशि से बाजार पूंजीकरण किया। 2,710 लाख शेयरों
का विशाल बहुमत गूगल के नियंत्रण में रहा और काफी गूगल कर्मचारी शीघ्र ही कागज़ी
लखपति बन गये। याहू! (Yahoo!), गूगल का प्रतिद्वंद्वी, को भी
बड़ा फ़ायदा हुआ, क्योंकि उस समय याहू! के पास गूगल के 84 लाख
शेयरों का स्वामित्व था।
कुछ लोगों को लगा कि गूगल का यह आईपीओ निस्संदेह कम्पनी
संस्कृति में हेर-फेर करेगा। इसके कई कारण थे, जैसे
कि शेयरधारकों का कम्पनी पर उसके कर्मचारियों को होने वाले लाभ में कटौती के लिए
दबाव, क्योंकि यह एक तथ्य था कि कम्पनी को हुए बड़े फायदे से कई
कर्मचारी शीघ्र कागज़ी लखपति बन गये थे। इसकी जवाबदेही में सह-संस्थापक सर्गेई
ब्रिन और लैरी पेज ने एक रिपोर्ट में अपने सम्भावित निवेशकों को यह आश्वासन दिया
कि कम्पनी के आईपीओ से कम्पनी के कार्य करने की प्रणाली में कोई अनचाहा बदलाव नहीं
होगा। वर्ष 2005 में यद्यपि, द न्यूयॉर्क
टाइम्स में छपे लेखों तथा अन्य सूत्रों से ऐसा लगने लगा कि गूगल अपने
"एंटी-कॉर्पोरेट, नो इवल" सिद्धांत से भटक रहा
है। कम्पनी ने इस विशिष्ट कार्य-प्रणाली को बनाये रखने के लिए एक मुख्य संस्कृति
अधिकारी का पद नियुक्त किया। इस पद का अधिकारी मानव संसाधन निदेशक भी होता है।
मुख्य संस्कृति अधिकारी का उद्देश्य कम्पनी में कम्पनी के सिद्धांत को विकसित करना
तथा उसे बनाये रखना है। इसके साथ-साथ उन विषयों पर भी काम करना है, जिनसे
कम्पनी अपने मूलभूत सिद्धांत: एक स्पष्ट संगठन के साथ एक सहयोगपूर्ण परिवेश पर
कायम रहे। गूगल को अपने पूर्व कर्मचारियों से लैंगिक भेद-भाव तथा वृद्धों के प्रति
अनुचित व्यवहार जैसे आरोपों का भी सामना करना पड़ा है।
ऑनलाइन विज्ञापन से हुई भारी बिक्री और आय से आईपीओ के बाद
बाकी बचे शेयरों का प्रदर्शन भी बाज़ार में अच्छा रहा, उस समय
पहली बार 31 अक्टूबर 2007 को शेयरों
का दाम 700 डॉलर हुआ था। शेयरों के दाम में बढोतरी का मुख्य कारण
व्यक्तिगत निवेशक थे, न कि प्रमुख संस्थागत निवेशक और
म्यूचुअल फंड। गूगल, अब नैस्डैक स्टॉक एक्सचेंज में टिकर चिन्ह GOOG तथा
फ़्रैंकफ़र्ट शेयर बाज़ार में टिकर चिन्ह GGQ1 से सूचीबद्ध
है।
विकास
मार्च 1999 में कम्पनी
ने अपने कार्यालयों को पालो अल्टो, कैलिफ़ोर्निया
में स्थानान्तरित किया, जो कि कई अन्य बड़ी सिलिकॉन वैली
कम्पनियों का ठिकाना है। इसके एक वर्ष बाद पेज और ब्रिन के शुरूआती विमुखता के
बावजूद, गूगल ने खोज-शब्दों/संकेतशब्द (Keywords) से जुड़े विज्ञापनों को बेचना शुरू किया। खोज-पृष्ठ को
साफ-सुथरा तथा गति बनाये रखने के लिए, विज्ञापन
केवल पाठ आधारित थे। संकेतशब्द की बिक्री उसकी बोली तथा क्लिकों के संयोजन के आधार
पर की जाती थी। इसके लिए न्यूनतम बोली पाँच सेन्ट प्रति क्लिक थी। संकेतशब्द से
विज्ञापनों को बेचने का यह मॉडल पहली बार गोटू.कॉम (Goto.com)—आइडियालैब के बिल ग्रौस का एक उपोत्पाद द्वारा किया गया। इस
कम्पनी ने अपना नाम ओवरचर सर्विसेस रख लिया और गूगल पर उसके ॠण-प्रति-क्लिक और
बोली के पेटेंट्स का कथित उल्लंघन करने का मुकदमा किया। ओवरचर सर्विसेस बाद में
याहू द्वारा खरीद लिया गया और इसका नया नाम याहू! सर्च मार्केटिंग रखा गया।
पेटेंट्स के उल्लंघन का मामला आपस में सुलझा लिया गया। इसके लिए गूगल ने अपने
सामान्य शेयरों में से कुछ की हिस्सेदारी याहू! को दी और उसके बदले पेटेंट्स का
शाश्वत लाईसेंस अपने नाम करवा लिया।
उसी समय गूगल को अपने पृष्ठ-वरियता (PageRank) तंत्र के पेटेंट की प्राप्ति हुई। यह पेटेंट आधिकारिक तौर
पर स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय को सौंपा गया था और आविष्कारक के रूप में लॉरेंस पेज
को सूचीबद्ध करता है। 2003 में दो अन्य कार्यालयों को कम पड़ता देखते हुए, कम्पनी
ने अपना वर्तमान कार्यालय सिलिकॉन ग्राफ़िक्स से लीज़ पर 1600 एम्फीथिएटर पार्कवे, माउंटेन
व्यु, कैलिफ़ोर्निया में चालू किया। गूगल का यह कार्यालय परिसर
गूगलप्लेक्स के नाम से जाना जाता है, यह अंग्रेज़ी
शब्द googolplex का तर्क है, जिसका
मतलब/मान है 1010100। तीन वर्ष पश्चात्, गूगल ने 319
मिलियन डॉलर में सिलिकॉन ग्राफ़िक्स से अपना कार्यालय परिसर खरीद लिया। तब तक, “गूगल” रोज़मर्रा
में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द बन चुका था। इस कारण शब्द “गूगल” मेरियम
वेबस्टर शब्दकोश औरऑक्सफोर्ड अंग्रेजी शब्दकोश में “जानकारी
प्राप्त करने के लिए गूगल सर्च इंजन का प्रयोग” के
परिभाषा से शामिल कर लिया गया।
अधिग्रहण और भागीदारी
गूगल द्वारा की गयी अधिग्रहणों सूची
2001 से गूगल ने मुख्यतया लघु उद्यम पूंजी कम्पनियों पर
अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए, कई कम्पनियों
को अधिकृत किया। 2004 में गूगल ने कीहोल, निग को
अधिकृत किया। उस समय कीहोल ने अर्थ व्युवर नाम से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया था जो
पृथ्वी का त्रिआयामी दृश्य प्रदर्शित करता था। 2005 में गूगल ने इसे गूगल अर्थ का
नाम दिया। 2007 में गूगल ने ऑनलाइन विडियो साइट यूट्यूब को 1.65 अरब डॉलर में खरीद
लिया। 13 अप्रैल 2007 को गूगल ने डबलक्लिक नामक कम्पनी को 3.1 अरब डॉलर में अधिकृत
किया। इस अधिग्रहण से गूगल को डबलक्लिक के साथ-साथ उसके वेब प्रकाशकों और विज्ञापन
एजेंसियों से अच्छे सम्बन्धों की अमूल्य प्राप्ति हुई। बाद में उसी वर्ष गूगल ने
50 मिलियन डॉलर में ग्रैंडसेंट्रल को खरीदा। इसे बाद में गूगल वॉयस का नाम दिया
गया। 5 अगस्त 2009 को गूगल ने अपनी पहली सार्वजनिक कम्पनी वीडियो सॉफ्टवेयर
निर्माता ऑन2 टेक्नोलॉजीज़ को 106.5 मिलियन डॉलर में अधिकृत किया। गूगल ने
आर्द्वर्क, एक सामाजिक नेटवर्क खोज इंजन को 50 मिलियन डॉलर में अधिकृत
किया। गूगल ने अपनी आन्तरिक ब्लॉग में टिप्पणी की, “हम
सहकारिता के लिए अग्रसर हैं, ताकि हम देख
सकें कि हम इसे कहाँ तक ले जा पाते हैं”। और अप्रैल
2010 में गूगल ने एक छोटे हार्डवेयर उद्यम एग्निलक्स के अधिकरण की घोषणा की।
कई कम्पनियों को खरीदने के साथ-साथ गूगल ने अन्य कई संगठनों
के साथ शोध से लेकर विज्ञापन के क्षेत्र में भागीदारी की। 2005 में गूगल ने नासा
एमेस अनुसन्धान केन्द्र के साथ 1,000,000 वर्ग फुट (93,000 वर्ग मीटर) कार्यालयी
क्षेत्र के निर्माण के लिए भागीदारी की। इन कार्यालयों का उपयोग बड़े पैमाने पर
डेटा प्रबन्धन, नैनो तकनीक, वितरित संगणन
तथा अंतरिक्ष उद्योग के उद्यम से जुड़े परियोजनाओं पर शोध करने के लिए किया जाएगा।
उसी वर्ष अक्टूबर में गूगल ने सन माइक्रोसिस्टम्स से एक-दूसरे की तकनीकों का
आदान-प्रदान और वितरण के लिए भागीदारी की। कम्पनी ने टाइम वॉर्नर के एओएल के साथ
एक-दूसरे की वीडियो खोज सेवाओं में वृद्धि के लिए भागीदारी की। गूगल की 2005 में
हुई कई भागीदारियों में मोबाईल यन्त्रों के लिए .मोबी शीर्ष स्तरीय डोमेन का
वित्तीयन तथा बड़ी कम्पनियाँ जैसे माइक्रोसॉफ़्ट, नोकिया
और एरिक्सन शामिल हैं। गूगल ने मोबाईल विज्ञापन बाज़ार को देखते हुए, “एड्सेंस
फॉर मोबाईल” चालू किया। विज्ञापन जगत में अपनी पहुँच आगे बढ़ाते हुए
गूगल और न्यूज़ कॉर्पोरेशन के फॉक्स इंटरएक्टिव मीडिया ने लोकप्रिय सामाजिक
नेटवर्किंग साइट माइस्पेस पर खोज और विज्ञापन प्रदान करने के लिए 900 मिलियन डॉलर
का समझौता किया।
अक्टूबर 2006 में गूगल ने विडियो-शेयरिंग साइट यूट्युब को
165 अरब डॉलर में अधिकृत करने की घोषणा की। 13 नवम्बर 2006 को इस सौदे को अन्तिम
रूप दिया गया। गूगल यूट्युब चलाने के खर्च का विस्तृत आँकड़े प्रस्तुत नहीं करता
है और 2007 में यूट्युब के राजस्व की एक नियामक सूची में गूगल ने उसे “अनावश्यक” बताया।
जून 2008 में अंग्रेज़ी मैगज़ीन फ़ॉर्ब्स में छपे एक लेख के अनुसार विज्ञापनों की
बिक्री में हुई वृद्धी से 2008 में यूट्युब ने 200 मिलियन अमरीकी डॉलर कमाया। 2007
में गूगल ने नोरैड ट्रैक्स सांता, एक सेवा जो
क्रिसमस की पूर्वसंध्या पर सांता क्लॉस के यात्रा का अनुकरण करने का दावा करती है, का
प्रयोजन भूतपूर्व प्रायोजक एओएल को विस्थापित करते हुए गूगल अर्थ के माध्यम से “सांता
का अनुकरण” पहली बार त्रि-आयाम (3-डी) में चालू किया। गूगल-स्वामित्व
के अधीन यूट्यूब पर नोराड ट्रैक्स सांता को एक नया चैनल भी मिल गया।
2008 में गूगल ने जियोआई से एक उपग्रह, जो
गूगल अर्थ को उच्च-विश्लेषण (0.41 मीटर मोनोक्रोम और 1.65 मीटर रंगीन) चित्र
उपलब्ध कराता है, के प्रक्षेपण के लिए साझेदारी की। यह उपग्रह वैंडेनबर्ग
वायुसेना केन्द्र से 6 सितम्बर 2008 को प्रक्षेपित किया गया। 2008 में गूगल ने यह
घोषणा किया कि वह लाइफ़ (पत्रिका) से साझेदारी करेगा और उसके तस्वीरों के एक
संग्रह की मेजबानी भी करेगा। संग्रह के चित्रों में से कुछ का प्रकाशन पत्रिका में
कभी हुआ ही नहीं। वे चित्र जलांकित थे और सबपर सर्वाधिकार सूचना (कॉपीराइट नोटिस) छपा
हुआ था, इसके बावजूद कि वे लोक प्रक्षेत्र के दर्जे की थीं।
2010 में गूगल एनर्जी ने अपना पहला निवेश, एक
अक्षय-उर्जा परियोजना में 38.8 मिलियन डॉलर का उत्तर डकोटा में दो वायु ऊर्जा
फार्मों पर किया। कम्पनी ने बताया कि इन दो फार्मों से 169.5 मेगावाट का विद्युत
उत्पन्न होगा, जो कि 55,000 घरों को बिजली प्रदान करा सकता है। यह फार्म
जो कि नेक्स्टएरा एनर्जी रिसोर्सेस द्वारा विकसित किया गया था, उस
इलाके में खनिज इंधन के इस्तेमाल को कम कर देगा और लाभांवित भी करेगा। नेक्स्टएरा
एनर्जी रिसोर्सेस ने गूगल को उसके बीस प्रतिशत शेयर की हिस्सेदारी बेची, ताकि
वे उस परियोजना के विकास में और पैसा लगा सके; और फिर
2010 में गूगल ने ग्लोबल आईपी सोल्युशन्स, जो कि नॉर्वे
में वेब-आधारित टेलेकॉन्फ़्रेंसिंग और अन्य सम्बन्धित सेवाएँ प्रदान करती हैं, को
खरीदा। इस अधिग्रहण से गूगल ने टेलीफोन शैली की सेवाओं को अपनी उत्पादों-सूची में
जोड़ लिया। 27 मई 2010 को गूगल ने मोबाईल विज्ञापन नेट्वर्क, एड्मोब
के अधिग्रहण की घोषणा की। यह अधिग्रहण संघीय व्यापार आयोग द्वारा की गई इस
अधिग्रहण के छानबीन के बाद हुआ। गूगल ने इस अधिग्रहण के लागत की व्याख्या नहीं की।
जुलाई 2010 में गूगल ने आयोवा विंड फार्म से 114 मेगावाट की ऊर्जा अगले 20 वर्षों
तक खरीदने का समझौता किया।
4 अप्रैल 2011 को द ग्लोब एण्ड मेल की एक रिपोर्ट में कहा
गया कि गूगल ने छह हज़ार नॉर्टेल नेटवर्क पेटेंट के लिए 900 मिलियन डॉलर की बोली
लगायी है।
विज्ञापन
गूगल की आय का निन्यानवे प्रतिशत भाग उसके विज्ञापन
कार्यक्रमों से आता है। 2006 के वित्तीय वर्ष में, कम्पनी
ने कुल 10.492 अरब डॉलर विज्ञापन से और केवल 112
मिलियन डॉलर लाइसेंस प्राप्ति और अन्य श्रोतों से कमाने की सूचना दी। ऑनलाइन
विज्ञापन के बाज़ार में गूगल ने अपने कई नव उत्पादों को कार्यान्वित किया है, इस
कारण गूगल बाज़ार के शीर्ष आढ़तिया (ब्रोकरों) में से है। डबलक्लिक कम्पनी के
तकनीक का इस्तेमाल करके गूगल प्रयोक्ता के हित तथा उन विज्ञापनों को लक्षित करती
है जो अपने तथा प्रयोक्ता के सन्दर्भ में प्रासंगिक है। गूगल विश्लेषिकी (गूगल
एनालिटिक्स) वेबसाइट के मालिकों को लोगों द्वारा उनकी वेबसाइट के इस्तेमाल की
जानकारी प्राप्त कराता है। उदाहरण के लिए किसी पेज पर सभी लिंक्स के क्लिक दर
परखना। गूगल विज्ञापन एक दो-भाग कार्यक्रम में तीसरे पक्ष की वेबसाइट पर रखा जा सकता
है। गूगल ऐडवर्ड्स विज्ञापनकर्ता को गूगल के नेटवर्क में विज्ञापन प्रदर्शित करने
की अनुमति ॠण-प्रति-क्लिक या ॠण-प्रति-दर्शन की योजना के द्वारा देता है। समान
सेवा, गूगल एडसेन्स, वेबसाइट
धारकों को विज्ञापन उनके वेबसाइट पर प्रदर्शित करने तथा विज्ञापन के प्रति क्लिक
पर पैसे कमाने की अनुमति देता है।
सर्च (खोज) इंजन
गूगल सर्च, एक वेब खोज
इंजन, कम्पनी की सबसे लोकप्रिय सेवा है। नवम्बर 2009 में
कॉमस्कोर (comScore)
द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, गूगल
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के बाजार में प्रमुख खोज इंजन है, जिसकी
बाज़ार में 65.6%
की हिस्सेदारी है। गूगल अरबों वेब
पृष्ठों को अनुक्रमित करता है, ताकि
उपयोगकर्ता, खोजशब्दों और प्रचालकों (ऑपरेटरों) के प्रयोग के माध्यम से
सही जानकारी की खोज कर सके। इसकी लोकप्रियता के बावजूद, गूगल
सर्च को कई संगठनों से आलोचना मिली है। 2003 में, न्यूयॉर्क
टाइम्स ने गूगल अनुक्रमण के बारे में शिकायत की, उसने
अपने साइट के सामग्री की गूगल कैशिंग को उस सामग्री पर लागू उनके कॉपीराइट का
उल्लंघन बताया। इस मामले में नेवादा के संयुक्त राज्य जिला न्यायालय ने फील्ड बनाम
गूगल और पार्कर बनाम गूगल का फैसला गूगल के पक्ष में सुनाया। इसके अलावा, प्रकाशन
2600: द हैकर क्वार्टर्ली ने उन शब्दों की एक ऐसी सूची तैयार की
है जिनमें इस दिग्गज कम्पनी की नयी त्वरित खोज सुविधा खोज नहीं करेगी। गूगल वॉच ने
गूगल पेजरेंक एल्गोरिथम की आलोचना करते हुए कहा कि यह नयी वेबसाइटों के खिलाफ़
भेदभाव और स्थापित साइटों के पक्ष में है और गूगल और एनएसए और सीआईए के बीच
सम्बन्ध होने का आरोप लगाया। आलोचना के बावजूद, बुनियादी
खोज इंजन विशिष्ट सेवाओं, जैसे कि छवि खोज इंजन, गूगल
समाचार खोज साइट, गूगल नक्शा और अन्य सहित फैल गया है। 2006 की
शुरूआत में कम्पनी ने गूगल वीडियो का शुभारम्भ किया, जिसका
प्रयोग उपयोगकर्ता इंटरनेट पर वीडियो अपलोड, खोज और देखने
के लिए कर सकते हैं। 2009 में तथापि, खोज
सेवा के पहलु पर ध्यान केंद्रित करने के लिए गूगल ने गूगल वीडियो में अपलोड की
सेवा बन्द कर दी। यहाँ तक कि उपयोगकर्ता के कम्प्यूटर में फाइलों की खोज के लिए
गूगल ने गूगल डेस्कटॉप विकसित किया। गूगल की खोज में सबसे हाल ही की गतिविधि
संयुक्त राज्य पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय से साझेदारी की है, जिससे
पेटेंट और ट्रेडमार्क के बारे में जानकारी मुफ़्त में उपलब्ध होगी।
उत्पादकता उपकरण
अपने मानक वेब खोज सेवाओं के अलावा, गूगल
ने पिछ्ले कुछ वर्षों में कई ऑनलाइन उत्पादकता उपकरण जारी किये हैं। जीमेल, गूगल
द्वारा एक मुक्त वेबमेल सेवा है, जो उस वक्त
निमंत्रण-आधारित बीटा कार्यक्रम के रूप में 1 अप्रैल 2004 को
शुरू किया गया और 7 फ़रवरी 2007 को आम जनता
के लिए उपलब्ध कर दिया गया। इस सेवा को बीटा स्थिति से 7 जुलाई
2009 को
उन्नत किया गया, उस समय इस सेवा के 146 मिलियन
मासिक प्रयोक्ता थे। यह ऑनलाइन ई-मेल कोई पहली ऐसी सेवा होगी जो एक गीगाबाइट
भण्डारण के लिए प्रदान करेगी तथा किसी इंटरनेट फोरम की तरह एक ही वार्तालाप के लिए
भेजे गये ई-मेलों को एक सूत्र में रखने वाली पहली सेवा होगी। यह सेवा वर्तमान में 7400
मेगाबाइट से भी अधिक भण्डारण मुफ़्त में प्रदान करती है और अतिरिक्त भण्डारण जो 20 जीबी
से 16 टेराबाइट है, 0.25 अमरीकी डॉलर
प्रति जीबी प्रति वर्ष के दर से उपलब्ध है। इसके अलावा, एजैक्स, एक
प्रोग्रामिंग तकनीक जो वेबपेजों को बिना ताज़ा (रिफ़्रेश) किये संवादात्मक बनाता
है, के अग्रणी इस्तेमाल के लिए जीमेल सॉफ्टवेयर डेवलपर्स के बीच
जाना जाता है। जीमेल की आलोचना सम्भावित डेटा प्रकटीकरण, एक
जोखिम जो कई ऑनलाइन वेब अनुप्रयोगों के साथ जुड़ा है, के
कारण भी हुई है। स्टीव बाल्मर (माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ), लिज़
फ़िगेरोआ, मार्क रैश और गूगल वॉच के सम्पादकों का मानना है कि जीमेल
में ई-मेल संदेशों का प्रसंस्करण यथार्थ उपयोग की सीमा के बाहर है, लेकिन
गूगल का दावा है कि जीमेल को या उससे भेजा जाने वाला मेल कभी भी खाता धारक के
अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा नहीं पढ़ा जाता और उनका प्रयोग केवल विज्ञापनों की
प्रासंगिकता में सुधार लाने के लिए किया जाता है।
गूगल डॉक्स, गूगल की
उत्पादकता समूह का एक उत्पाद है, जो
उपयोगकर्ताओं को माइक्रोसॉफ़्ट वर्ड जैसा एक ऑनलाइन परिवेश में सृजन, सम्पादन
और दस्तावेज़ों के मिलाप की सुविधा देता है। यह सेवा मूलतः राइटली के नाम से जानी
जाती थी, लेकिन 9 मार्च 2006 को
गूगल ने इसे प्राप्त कर लिया और आमंत्रण-आधारित पूर्वालोकन के रूप में जारी किया।
अधिग्रहण के बाद 6 जून को गूगल ने एक प्रायोगिक स्प्रैडशीट सम्पादन कार्यक्रम
बनाया, जो 10 अक्टूबर को
गूगल डॉक्स के साथ संयुक्त किया गया था। 17 सितम्बर 2007 को
प्रस्तुतियों को सम्पादित करने का कार्यक्रम सेट को पूरा करता है, यह
कार्य बाकी तीन सेवाओं सहित जीमेल, गूगल कैलेंडर, तथा
गूगल एप्स सुईट के अन्य सभी उत्पादों का 7 जुलाई 2009 के
पूर्ण संस्करण के बाद किया गया।
उद्यम उत्पाद
गूगल का उद्यम बाज़ार में प्रवेश फरवरी 2002 में
के साथ हुआ गूगल खोज उपकरण, जो बड़े
संगठनों को खोज तकनीक प्रदान करने की ओर लक्षित है। गूगल ने छोटे संगठनों को ध्यान
में रखते हुए मिनी तीन साल बाद बाज़ार में उतारा। 2006 के
अन्त में गूगल ने परिपाटी (कस्टम) खोज व्यवसाय संस्करण बेचना चालू किया, जिससे
ग्राहकों को Google.com
के सूची में विज्ञापन मुक्त विंडो
उपलब्ध होता है। 2008 में इस सेवा का नाम गूगल साइट सर्च रख दिया गया। गूगल के
उद्यम उत्पादों में से एक उत्पाद गूगल ऐप्स प्रीमियर संस्करण है। यह सेवा और उसके
साथ गूगल ऐप्स शिक्षण संस्करण तथा सामान्य संस्करण, कम्पनियों, विद्यालयों
और अन्य संगठनों को गूगल के ऑनलाइन अनुप्रयोगों को, जैसे
कि जीमेल और गूगल डॉक्यूमेंट्स, अपने डोमेन
में डालने की अनुमति देते हैं। प्रीमियर संस्करण, विशेष
रूप से सामान्य संस्करण से अधिक सुविधाएँ, जैसे कि अधिक
डिस्क स्पेस, एपीआई का उपयोग और प्रीमियम सहायता 50 डॉलर
प्रति उपयोगकर्ता प्रति वर्ष के दर से प्रदान करता है। गूगल ऐप्स का एक बड़ा
कार्यान्वयन 38,000 उपयोगकर्ताओं के साथ थंडर बे, ओंटारिओ, कनाडा
में लेकहेड विश्वविद्यालय में किया गया है। उसी वर्ष गूगल ऐप्स शुरू किया गया।
गूगल ने पोस्तिनी को अधिकृत किया और गूगल ने इस कम्पनी के सुरक्षा प्रौद्योगिकी को
गूगल ऐप्स से गूगल पोस्तिनी सेवाएँ के अन्तर्गत संगठित किया।
गूगल ट्रांसलेट एक सर्वर-साइड मशीन अनुवाद सेवा है, जो 35 अलग
भाषाओं के बीच अनुवाद कर सकता है। ब्राउज़र एक्सटेंशन ब्राउज़र से गूगल अनुवाद और
आसान कर देते हैं। सॉफ्टवेयर कोष भाषा विज्ञान तकनीक का उपयोग करता है, जहाँ
प्रोग्राम पेशेवर अनुवाद दस्तावेजों से विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय
संसद की कार्यवाही से सीखता है। इसके अलावा एक “बेहतर
अनुवाद सुझाएँ” सुविधा अनुवादित पाठ के साथ जोड़ा गया है, जो
उपयोगकर्ता को गलत या अमानक अनुवाद संकेत करने की अनुमति देता है।
गूगल ने 2002 में गूगल
न्यूज़ सेवा प्रारम्भ किया था। इस साइट ने घोषणा की कि कम्पनी ने एक “बेहद
असामान्य” साइट बनाई है, जो “समाचार
के संकलन की सेवा बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कम्प्यूटर एल्गोरिदम द्वारा
प्रदान करती है। गूगल कोई सम्पादक, प्रबन्धक
सम्पादक, या कार्यकारी सम्पादक नियुक्त नहीं करता।” याहू!
समाचार की अपेक्षा गूगल न्यूज़ ने लाइसेंसी समाचार कम प्रदर्शित किया है और बदले
में विषय के आधार पर समाचार और सुझावों से जोड़ने वाले लिंकों के साथ उनकी
सुर्खियों, नमूने और तस्वीरों को प्रदर्शित करता है। कॉपीराइट उल्लंघन
के उलझनों को कम करने के लिए गूगल आमतौर पर तस्वीरों को अंगुष्ठ नखाकार (थम्बनेल)
का बनाकर उसी विषय पर अन्य समाचार स्रोतों से लिये गये सुर्खियों के सामने लगाता
है। फिर भी, एजेंस फ़्रास प्रेस ने कॉपीराइट उल्लंघन के मामले में
कोलम्बिया जिला के संघीय अदालत में गूगल के खिलाफ़ मुकदमा दायर किया, वह
मुकदमा जिसे गूगल ने एक अज्ञात राशि देकर एक नियम के अन्तर्गत एएफ़पी के लेखों का
पूर्ण पाठ्य लाइसेंस गूगल न्यूज़ पर इस्तेमाल करने के लिए ले लिया।
2006 में, गूगल
ने सैन फ़्रांसिस्को में मुफ़्त वायरलेस ब्रॉड्बैंड सेवा इंटरनेट सेवा प्रदाता
अर्थलिंक के मदद से देने का ऐलान किया। कॉमकास्ट और वेरीज़ोन जैसे बड़े दूरसंचार
कम्पनियों ने इस तरह के प्रयासों का विरोध किया और कहा कि यह “अनुचित
प्रतिस्पर्धा” है तथा कई शहर अपनी प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन करते हुए इन
कम्पनियों के समक्ष एकाधिकार का प्रस्ताव रख देंगे। 2006 में, नेटवर्क
तटस्थता पर कांग्रेस के सामने अपनी गवाही में, गूगल
के चीफ़ इंटरनेट मत प्रचारक विंट सर्फ़ यह तथ्य देते हुए इन रणनितियों की निंदा की
कि लगभग कुल में से आधे उपभोगताओं के पास सार्थक ब्रॉडबैंड प्रदाताओं के विकल्प का
अभाव है। गूगल फ़िलहाल माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया
के अपने गृहनगर में मुफ्त वाई-फाई (Wi-Fi) सेवा प्रदान
कर रहा है।
एक साल बाद, गूगल का
बाज़ार में मोबाईल फ़ोन उतारने की रिपोर्टें, सम्भवतः
एप्पल आईफ़ोन (iPhone)
के प्रतियोगी के रूप में सामने
आयीं। यह परियोजना, जिसे एंड्रोइड कहा गया, मोबाईल
उपकरणों के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम निकला, जो गूगल के
अधिग्रण के बाद गूगल द्वारा अपाचे लाइसेंस के अन्तर्गत एक मुक्त स्रोत परियोजना के
रूप में जारी कर दिया गया। एंड्रोइड आधारित फ़ोन पर चलने वाले एप्लिकेशन बनाने के
लिए गूगल डेवलपर्स को सॉफ़्टवेर डेवलपमेंट किट प्रदान करता है। सितम्बर 2008 में, टी-मोबाईल
ने पहला एंड्रोएड फ़ोन G1 जारी किया। 5 जनवरी 2010 को गूगल
ने अपने नाम के तहत अपना पहला एंड्रोइड फ़ोन नेक्सस वन जारी किया।
अन्य परियोजनाएँ जिन पर गूगल ने काम किया है, उनमें एक नयी सहयोगपूर्ण संचार सेवा, एक वेब ब्राउज़र और एक मोबाईल ऑपरेटिंग सिस्टम भी शामिल हैं। इनमें से प्रारम्भिक सेवा की घोषणा पहली बार 27 मई 2009 को की गयी। गूगल वेब एक ऐसा उत्पाद बताया गया जो उपयोगकर्ताओं को वेब पर सम्पर्क साधने तथा सहयोग देने में मदद करता है। यह गूगल की “ई-मेल पुनः अभिकल्पित” सेवा है, जो रियलटाइम में सम्पादन, ऑडियो, विडियो तथा अन्य मीडिया और एक्सटेंशनों के साथ संचार के अनुभव को और अच्छा बना देता है। गूगल वेब डेवलपर पूर्वालोकन में था, जहाँ इच्छुक उपयोगकर्ताओं को इस सेवा के परीक्षण का अधिकार आमंत्रण पर मिलता था, लेकिन 19 मई 2010 को यह सेवा आम जनता के लिए गूगल आई/ओ के भाषण में जारी कर दी गयी। 1 सितम्बर 2008 को गूगल ने गूगल क्रोम, एक मुक्त स्रोत वेब ब्राउसर, के आगामी उपलब्धता की पूर्व-घोषणा की, जो 2 सितम्बर 2008 को जारी कर दिया गया। अगले वर्ष, 7 जुलाई 2009 को गूगल ने गूगल क्रोम ओएस, एक मुक्त स्रोत लीनक्स-आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम की घोषणा की, जिसमें केवल एक वेब ब्राउज़र है और इसका डिज़ाइन उपयोगकर्ताओं को उनके गूगल खाते में लॉगिन करने के लिए किया गया है।
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