शनिवार, 12 सितंबर 2020

डी-8 शिखर सम्मेलन (D-8 Summit)

 डी-8 शिखर सम्मेलन

यह विकासशील देशों का समूह है। यह संगठन 8 मुस्लिम विकासशील देशों में आपसी सहयोग के आधार पर अपनी अर्थव्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए कार्य करता है।

इस तरह दक्षिण-दक्षिण संवाद को मजबूत बनाकर दक्षिण के देशों को एकजुट किया जा सकता है। इसी पर इन देशों की आर्थिक आत्मनिर्भरता का विकास निर्भर करता है। विकासशील देशों में पर्याप्त मात्रा में संसाधन हैं। कुछ देशों के पास तो पूंजी है और कुछ के पास तकनीकी ज्ञान है। इन देशों को विकसित देशों से मदद लेनी की बजाय आपस में ही तकनीकी ज्ञान व पूंजी का हस्तांतरण करना चाहिए। लेकिन इसके रास्ते में सबसे बड़ी कठिनाई यह है कि इन देशों में आपसी मतभेद हैं। ये आपसी सहयोग की बजाय विकसित राष्ट्रों की तरह अधिक झुकाव रखते हैं। आज एशिया के तेल निर्यातक देश चाहें तो वे गरीब विकासशील देशों की आर्थिक सहायता कर सकते हैं, लेकिन समन्वित दृष्टिकोण के अभाव में वे ऐसा करने में अयोग्य हैं। यदि विकासशील देशों को आत्मनिर्भर बनना है तो पारस्परिक मतभेदों को भुलाकर, उन्हें एक मंच पर आना ही होगा। इसके बिना उनका कल्याण सम्भव नहीं है। यदि वे एकजुट होकर उत्तर के देशों पर अपना दबाव बनाने में सफल होते हैं तो अवश्य ही वे नई अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए विकसित राष्ट्रों को मना सकेंगे और वर्तमान अन्यायपूर्ण और असमान आर्थिक सम्बन्धों का अंत करके दक्षिण के देशों में नए युग की शुरुआत करेंगे।

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