विश्व फोटोग्राफी दिवस:
(World Photography)
प्रत्येक वर्ष संपूर्ण विश्व में 19 अगस्त को ‘विश्व फोटोग्राफी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। विश्व फोटोग्राफी दिवस का उद्देश्य विश्वभर के फोटोग्राफरों को एकजुट करना
है।
विश्व फोटोग्राफी दिवस के
संस्थापक:
वर्ष 2009 में ऑस्ट्रेलियाई फोटोग्राफर कोर्स्के
आरा ने विश्व फोटोग्राफी दिवस योजना की शुरुआत की। 19 अगस्त 2010
को विश्व फोटोग्राफी दिवस पर पहले वैश्विक ऑनलाइन गैलरी का आयोजन
किया गया।
विश्व फोटोग्राफी दिवस: (World Photography Day)
फोटोग्राफी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द फोटोज (प्रकाश) और
ग्राफीन (खींचने) से मिलकर हुई है। 1839 में वैज्ञानिक सर जॉन एफ डब्ल्यू हश्रेल
ने पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल किया था।
सर्वप्रथम वर्ष 1839 में फ्रांसीसी वैज्ञानिक लुईस जेकस तथा
मेंडे डाग्युरे ने फोटो तत्व को खोजने का दावा किया था। ब्रिटिश वैज्ञानिक विलियम
हेनरी फॉक्सटेल बोट ने नेगेटिव-पॉजीटिव प्रोसेस ढूँढ लिया था। वर्ष 1834 में टेल बॉट ने लाइट सेंसेटिव पेपर का आविष्कार किया जिससे खींचे चित्र को
स्थायी रूप में रखने की सुविधा प्राप्त हुई। फ्रांसीसी वैज्ञानिक आर्गो ने 07
जनवरी 1839 को फ्रेंच अकादमी ऑफ साइंस हेतु एक
रिपोर्ट तैयार की। फ्रांस सरकार ने यह प्रोसेस रिपोर्ट खरीदकर उसे आम लोगों के लिए
19 अगस्त 1939 को फ्री घोषित किया। यही
कारण है कि 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता
है।
फोटोग्राफी का महत्व:
वैज्ञानिक तरक्की के साथ-साथ मनुष्य ने अपने साधन बढ़ाना
प्रारंभ किया और अनेक आविष्कारों के साथ ही साथ कृत्रिम लैंस का भी आविष्कार हुआ।
समय के साथ आगे बढ़ते हुए उसने इस लैंस से प्राप्त छवि को स्थायी रूप से सहेजने का
प्रयास किया। इसी प्रयास की सफलता वाले दिन को अब हम विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप
में मनाते हैं।
फोटोग्राफी का आविष्कार जहाँ संसार को एक-दूसरे के करीब
लाया, वहीं एक-दूसरे को जानने, उनकी संस्कृति
को समझने तथा इतिहास को समृद्ध बनाने में भी उसने बहुत बड़ी मदद की है। आज हमें
संसार के किसी दूरस्थ कोने में स्थित द्वीप के जनजीवन की सचित्र जानकारी बड़ी आसानी
से प्राप्त होती है, तो इसमें फोटोग्रोफी के योगदान को कम
नहीं किया जा सकता।
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