विजय
लक्ष्मी पंडित:
(Vijay
Laxmi Pandit)
विजया लक्ष्मी नेहरु
पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन थी। भारत के
स्वतंत्रता आन्दोलन में विजय लक्ष्मी पंडित ने अपना अमूल्य योगदान दिया था। इनकी
शिक्षा-दीक्षा मुख्य रूप से घर में ही हुई थी।
नाम |
विजय लक्ष्मी पंडित |
जन्म तिथि |
18 अगस्त
1900 |
जन्म स्थान |
इलाहाबाद, (ब्रिटिश भारत) |
निधन तिथि |
01 दिसम्बर
1990 |
उपलब्धि |
संयुक्त राष्ट्र संघ
महासभा की प्रथम महिला अध्यक्ष |
उपलब्धि वर्ष |
1953 |
विजय लक्ष्मी पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन
थीं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में विजय लक्ष्मी पंडित ने अपना अमूल्य योगदान
दिया।
जीवनीः
इनका जन्म 18 अगस्त 1900 को गांधी-नेहरू परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा मुख्य रूप से घर में
ही हुई। 1921 में उन्होंने काठियावाड़
के सुप्रसिद्ध वकील रणजीत सीताराम पण्डित से विवाह कर लिया। गांधीजी से प्रभावित
होकर उन्होंने भी आज़ादी के लिए आंदोलनों में भाग लेना आरम्भ कर दिया। वह हर
आन्दोलन में आगे रहतीं, जेल जातीं, रिहा होतीं और फिर आन्दोलन में जुट जातीं। उनके पति को भारत की स्वतंत्रता के
लिए किये जा रहे आन्दोलनों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार करके लखनऊ की जेल
में डाला गया जहाँ उनका निधन हो गया। वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल
नेहरू की बहन थी जिनकी पुत्री इन्दिरा गांधी लगभग 13 वर्षों तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं।
श्रीमती विजय लक्षमी ने 1952 में ग्रामीण सभ्यता व संसकृति से परिचय हेतु राजस्थान के बाडमेर जिले के
सांस्कृतिक गांव बिसाणिया में 'मालाणी डेलूओं की ढाणी' का ऐतिहासिक दौरा किया था।
राजनैतिक जीवनः
वो केबिनेट मंत्री बनने वाली प्रथम भारतीय महिला थीं। 1937 में वो संयुक्त प्रांत की प्रांतीय विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं और
स्थानीय स्वशासन और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री के पद पर नियुक्त की गईं। 1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली वह विश्व की पहली महिला
थीं। वे राज्यपाल और राजदूत जैसे कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहीं।
उन्होंने इन्दिरा गांधी द्वारा लागू आपतकाल का विरोध किया था और जनता दल में
शामिल हो गईं थी।
महिलाओ के लिए कार्य:
विजय लक्ष्मी पंडित के पति का 1944
में निधन हो गया किन्तु उन्हें और उनकी बेटियों को सम्पत्ति पर से
बेदखल कर दिया गया| और पूरी सम्पत्ति पर उनके पति के भाई ने
कब्जा कर लिया| श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित ने महिलायों का
अधिकार दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया और उनकी ही मेहनत से आजादी के बाद महिलाओं
को अपने पति और अपने पिता की सम्पत्ति का उत्तराधिकार प्राप्त हुआ|
निधनः
1 दिसम्बर 1990 को देहरादून के उत्तरी
प्रान्त में उनका निधन हो गया।
महत्वपूर्ण तथ्य:
·
इनका जन्म 18 अगस्त 1900 को गांधी-नेहरू परिवार में
हुआ था।
·
इनके बचपन का नाम स्वरूप
कुमारी था।
·
वे भारत के प्रथम
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की छोटी बहिन थी।
·
उन्होंने काठियावाड़ के
सुप्रसिद्ध वकील रणजीत सीताराम पण्डित से विवाह कर लियाथा।
·
सन 1940 से 1942 तक वे आल इंडिया विमेंस
कान्फ्रेंस के अध्यक्ष के पद पर भी रही थी।
·
इन्होने 1952 में चीन जाने वाले सद्भावना मिशन का नेतृत्व भी किया था।
·
इन्होने 1964 में फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर लोकसभा में पहुंची।
·
श्रीमती विजय लक्ष्मी
पंडित भारत की प्रथम और विश्व की दूसरी केबिनेट मंत्री बनी (1937 में)।
·
1946 में संयुक्त
राष्ट्र संघ में प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व किया और ऐसा करने वाली वो प्रथम महिला
थी।
·
01 दिसम्बर 1990
को देहरादून के उत्तरी प्रान्त में उनका निधन हो गया।
·
द इवॉल्यूशन ऑफ
इंडिया (1958) एवं 'द स्कोप ऑफ हैप्पीनेस-ए-पर्सनल मेमोएर' उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं।
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