शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

रविंद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore)

भारत के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता:

रविंद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय

(Biography of Rabindranath Tagore)

रविंद्रनाथ टैगोर एक विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार और दार्शनिक थे। वे अकेले ऐसे भारतीय साहित्यकार हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला है। 16 साल की उम्र में भानुसिम्हाउपनाम से उनकी कवितायेँ प्रकाशित भी हो गयीं। वह घोर राष्ट्रवादी थे और ब्रिटिश राज की भर्त्सना करते हुए देश की आजादी की मांग की। जलिआंवाला बाग हत्याकांड के बाद उन्होंने अंग्रेजों द्वारा दी गयी नाइटहुड की उपाधिको भी त्याग दिया था।

रविंद्रनाथ टैगोर के जीवन परिचय का संक्षिप्त विवरण:

नाम

रविंद्रनाथ टैगोर

जन्म तिथि

07 मई 1861

जन्म स्थान

जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी, कोलकाता

निधन तिथि

07 अगस्त, 1941

उपलब्धि

नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय व्यक्ति

उपलब्धि वर्ष

1913

रविंद्रनाथ टैगोर से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:
·         रविंद्रनाथ टैगोर का जन्म 07 मई 1861 को कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी में हुआ।
·         उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी थीं।
·         रविंद्रनाथ टैगोर को गुरुदेवके नाम से भी जाना जाता है।
·         उनकी स्कूल की पढ़ाई प्रतिष्ठित सेंट जेवियर स्कूल में हुई। उन्होंने बैरिस्टर बनने की चाहत में 1878 में इंग्लैंड के ब्रिजटोन में पब्लिक स्कूल में नाम दर्ज कराया। उन्होंने लन्दन विश्वविद्यालय में कानून का अध्ययन किया लेकिन 1880 में बिना डिग्री हासिल किए ही देश लौट आये।
·         उन्होंने साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिखी थी और वर्ष 1877 में 16 साल की उम्र में भानुसिम्हाउपनाम से उनकी लघुकथा प्रकाशित हुई।
·         टैगोर की कई कृतियां प्रकाशित हुई जिनमें गीतांजली, गीताली, गीतिमाल्य, कथा ओ कहानी, शिशु, शिशु भोलानाथ, कणिका, क्षणिका, खेया आदि प्रमुख हैं।
·         टैगोर को शुरुआत से ही प्रकृति से बहुत प्यार था जिस कारण उन्होने 1901 में सियालदह छोड़कर एक प्रकृतिक शान्तिनिकेतन आश्रम की स्थापना करने के लिए शान्तिनिकेतन आ गए।
·         टैगोर ने अपने जीवान में तकरीबन 2,230 गीतों की रचना की है।
·         टैगोर के 150 वें जन्मदिन के अवसर पर उनके कार्यों का एक कालनुक्रोमिक रबीन्द्र रचनाबलीनामक एक संकलन वर्तमान में बंगाली कालानुक्रमिक क्रम में प्रकाशित किया गया है।
·         2011 में, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने विश्व-भारती विश्वविद्यालय के साथ अंग्रेजी में उपलब्ध टैगोर के कार्यों की सबसे बड़ी संकलन द एसेंटियल टैगोर, को प्रकाशित करने के लिए सहयोग किया है यह फकराल आलम और राधा चक्रवर्ती द्वारा संपादित की गयी थी।
·         वे एकमात्र कवि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं- भारत का राष्ट्र-गान: जन गण मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान- आमार सोनार बाँग्ला रविंद्रनाथ टैगोर की ही रचनाएँ हैं।
·         सन् 1913 में उन्हें उनकी काव्यरचना गीतांजलिके लिये साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था, जिस कारण वह यह पुरस्कार पाने वाले भारत के ही नही बल्कि एशिया के भी प्रथम नोबेल पुरस्कार से सम्मानित वाले व्यक्ति बन गए।
·         वर्ष 1915 में उन्हें इंग्लैंड के राजा जॉर्ज पंचम ने नाइटहुड की पदवी से सम्मानित किया, जिसे उन्होंने वर्ष 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वापस कर दिया था।
·         उन्होंने वर्ष 1878 से लेकर सन 1932 तक 30 देशों की यात्रा की थी।
·         लम्बी बीमारी के बाद 07 अगस्त 1941 को रविंद्रनाथ टैगोर का निधन हो गया।
 कार्यों की सूचीः-
एसएनएलटीआर टैगोर के पूर्ण बंगाली कार्यों के 1415 बीई संस्करण की मेजबानी करता है। टैगोर वेब टैगोर की रचनाओं के एक संस्करण को भी होस्ट करता है, जिसमें एनोटेट गाने भी शामिल हैं। अनुवाद प्रोजेक्ट गुटेनबर्ग और विकिस्रोस में पाए जाते हैं। अधिक स्रोत नीचे हैं।

प्रमुख रचनाऐः-

उपन्यास : गोरा, घरे बाइरे, चोखेर बाली, नष्टनीड़, योगायोग
कहानी
संग्रह : गल्पगुच्छ
संस्मरण
: जीवनस्मृति, छेलेबेला, रूस के पत्र
कविता
: गीतांजलि, सोनार तरी, भानुसिंह ठाकुरेर पदावली, मानसी, गीतिमाल्य, वलाका
नाटक
: रक्तकरवी, विसर्जन, डाकघर, राजा, वाल्मीकि प्रतिभा, अचलायतन, मुक्तधारा
अन्य
: The Religion of Man (मनुष्य का धर्म), Nationalism (राष्ट्रवाद)

फिल्म और टेलीविज़न में रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं पर निर्माणः-

बंगाली

नटिर पूजा - 1932 - रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा निर्देशित एकमात्र फिल्म

गोरा - 1938 गोरा (उपन्यास) - नरेश मित्रा

नौकाडुबी- नितिन बोस

बू ठाकुरनिर हाट - 1953 (बू ठाकुरनिर हाट) - नरेश मित्रा

काबुलीवाला - 1957 (काबुलीवाला) - तपन सिन्हा

कशुधिता पशन - 1960 (कशुधिता पशन) - तपन सिन्हा

किशोर कन्या - 1961 (किशोर कन्या) - सत्यजीत रे

चारुलता - 1964 (नास्तनिरह) - सत्यजीत रे

मेघ ओ रूद्र - 1969 (मेघ ओ रूद्र) - अरुंधति देवी

घरे बेयर - 1985 (घरे बाइरे) - सत्यजीत रे

चोखेर बाली - 2003 (चोखेर बाली) - रितुपर्णो घोष

शास्ती - 2004 (शास्ती) - चशी नज़रुल इस्लाम

शुवा - 2006 (शुवाशिनी) - चशी नज़रुल इस्लाम

चतुरंगा - 2008 (चतुरंगा) - सुमन मुखोपाध्याय

नौकाडुबी - 2011 (नौकाडुबी) - रितुपर्णो घोष

एलार चार अधय्य - 2012 (चार अधय्य) - बप्पादित्य बंद्योपाध्याय

हिन्दी

बलिदान - 1927 (बालिदान) - ननंद भौजाई और नवल गांधी

मिलन - 1946 (नौका दुबे) - नितिन बोस

डाक घर - 1965 (डाक घर) - झुल वेल्लानी

काबुलीवाला - 1961 (काबुलीवाला) - बिमल रॉय

उपरार - 1971 (सप्तमी) - सुधेंदु रॉय

लेकिन ... - 1991 (कुशहित पसान) - गुलज़ार

चार अधीय - 1997 (चार अधय) - कुमार शाहनी

कश्मकश - 2011 (नाका दुबी) - ऋतुपर्णो घोष

रवींद्रनाथ टैगोर (एंथोलॉजी टीवी सीरीज़) द्वारा कहानियां - 2015 - अनुराग बसु

बायोस्कोपवाला - 2017 (काबुलीवाला) - देब मेधेकर

भिखारिन

उन पर आधारित फिल्मों में उनका किरदार निभाने वालेः-

सुकांता रॉय की बंगाली फ़िल्म छेलेबेला (2002) में जिशु सेनगुप्ता ने टैगोर का किरदार निभाया।

बन्दना मुखोपाध्याय की बंगाली फिल्म चिरोसाखा में (2007) सयानदीप भट्टाचार्य ने टैगोर की भूमिका निभाई।

रितुपर्णो घोष की बंगाली डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म जीवन स्मृति (2011) में समदर्शी दत्ता ने टैगोर की भूमिका निभाई।

सुमन घोष की बंगाली फिल्म कादम्बरी (2015) परमब्रत चटर्जी ने टैगोर का चित्रण किया


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें