सोमवार, 10 अगस्त 2020

डेंगू निरोधक दिवस (Dengue Prevention Day)

डेंगू निरोधक दिवस (Dengue Prevention Day)

डेंगू निरोधक दिवस कब मनाया जाता है?

प्रतिवर्ष ’10 अगस्तको डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए डेंगू निरोधक दिवसमनाया जाता है।

डेंगू बुखार क्या है?

डेंगू अथवा डेंगी’ / ‘डेंगू बुख़ार’ / ‘डेंगू फीवर’ / ‘डेंगू ज्वरएक ख़तरनाक संक्रामक रोग है। डेंगू को हड्डी तोड़ बुख़ारके नाम से भी जानते है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। मलेरिया की तरह डेंगू बुख़ार भी मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। यह केवल कुछ जाति के मच्छर से फैलता है। इस रोग का वाहक एड़ीज मच्छर की दो प्रजातियां हैं- एडीज एजिपटाई (Aedes aegypti) तथा एडीज एल्बोपेक्टस के नाम से जाने जाते हैं।

डेंगू बुखार के कारण:

डेंगू बुखार दिन में काटने वाले दो प्रकार के मच्छरों से फैलता है। ये मच्छर एडिज इजिप्टी तथा एडिज एल्बोपेक्टस के नाम से जाने जाते हैं। Dengue Fever “डेंगूवायरस के संक्रमण द्वारा होता है इसे डेन वायरसभी कहते हैं। डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं, जिसे डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 (DEN-1, DEN-2, DEN-3, DEN-4) के नाम से जानते है। DEN 1 और DEN 3 के मुकाबले DEN 2 और DEN 4 कम खतरनाक होते है । डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता। यह केवल कुछ जाति के मच्छर से ही फैलता है जो की मुख्यतः फ्लाविविरिडेपरिवार तथा फ्लाविविरसजीन का हिस्सा होते है।

डेंगू बुखार के लक्षण:

साधारणतः डेंगू बुखार के लक्षण संक्रमण होने के 3 से 14 दिनों के बाद ही दिखता हैं और इस बात पर भी निर्भर करता हैं कि बुख़ार किस प्रकार है। डेंगू बुखार के प्रकार हमने ऊपर बता रखा है। डेंगू बुखार के लक्षण एक से अधिक भी हो सकते है। सामान्यत: डेंगू बुख़ार के लक्षण कुछ ऐसे होते हैं:-

ब्लड प्रेशर का सामान्य से बहुत कम हो जाना।

ख़ून में प्लेटलेटस की संख्या कम होना (प्रतिघन सेमी रक्त में <100,000 से कम होना) ।

प्लाज्मा रिसाव होने के साक्ष्य मिलना (हेमोट्रोक्रिट में 20% से ज़्यादा वृद्धि या हीमाट्रोक्रिट में 20% से ज़्यादा गिरावट) ।

रोगी को अचानक बिना खांसी व जुकाम के तथा ठंड व कपकंपी के साथ अचानक तेज़ बुख़ार चढ़ना

तेज बुखार (104-105 F) जो की 2-7 दिन तक लगातार रहना।

रोगी के सिर के अगले हिस्से में तेज़ दर्द रहना , आंख के पिछले भाग में रहना , कमर, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना।

मिचली (nausea), उल्टी (vomiting )आना या महसूस होना।

शरीर पर लाल-गुलाबी चकत्ते (red rashes )होना।

आँखों लाल रहना, आँखों में दर्द रहना।

हमेशा थका-थका और कमजोरी महसूश करना।

जोड़ों में सूजन होना।

भूख न लगना, खाने की इच्छा में कमी, मुँह का स्वाद ख़राब होना, पेट ख़राब हो जाना।

नींद न आना या नींद में कमी।


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