सोमवार, 8 जून 2020

भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश 2

(2) मंडकोलथुर पतंजलि शास्त्री (एम. पतंजलि शास्त्री) 

जन्म

4 जनवरी 1889 (मद्रास)

मृत्यु

16 मार्च 1963 (74 वर्ष 2 माह 12 दिन)

पिता -

पंडित कृष्ण शास्त्रीमद्रास के पचैयप्पा कॉलेज के वरिष्ठ संस्कृत पंडित।

पत्नी

एम कामाक्षी अम्मल

शिक्षा -

1910 में मद्रास विश्वविद्यालय से कला स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की

1912 में एल.एल.बी. की परीक्षा उत्तीर्ण की

व्यवसाय

1914 में मद्रास उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में अपना कार्य शुरू किया

1922 में, उन्हें चेट्टियार ग्राहकों के साथ कर कानून में विशेष क्षमताओं के लिए आयकर आयुक्त का स्थायी सलाहकार नियुक्त किया गया

15 मार्च 1939 को खंडपीठ में उच्चतम पद ग्रहण किया

1953 में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर नियुक्त हुए।

6 दिसंबर 1947 को, मद्रास उच्च न्यायालय में वरिष्ठता में तीसरे स्थान पर होने पर उन्हें संघीय न्यायालय का न्यायाधीश बनाया गया, जो बाद में सर्वोच्च न्यायालय बन गया

7 नवंबर 1951 को शास्त्री मुख्य न्यायाधिश नियुक्त किया गया। शास्त्री 3 जनवरी 1954 को सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंचने तक इस पद पर रहे

शास्त्री जी सेवानिवृति के बाद इंटरनेशनल लॉ एसोसिएशन की दिल्ली शाखा के साथ सक्रिय रहे और एयरलाइंस मुआवजा आयोग का नेतृत्व किया, जिसने भारत की एयरलाइंस के राष्ट्रीयकरण की निगरानी की।

उन्होंने जुलाई 1958 से अप्रैल 1962 तक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप और मद्रास विधान परिषद में कार्य किया।

एक प्रख्यात संस्कृत विद्वान 16 मार्च 1963 को कार्डियक अरेस्ट से दिल्ली में उनके दामाद के आवास पर उनकी मृत्यु हो गई।


आज का दिन 8 जून

विश्व महासागर दिवस  

विश्व महासागर दिवस (अंग्रेज़ी: World Oceans Day) प्रतिवर्ष '8 जून' को मनाया जाता है। समुद्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1992 में की गई थी।सन 1992 में रियो डी जनेरियो में हुए 'पृथ्वी ग्रह' नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने के फैसले के बाद और सन 2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस संबंध में आधिकारिक मान्यता दिए जाने के बाद से यह दिवस मनाया जाने लगा है। विश्व महासागर दिवस मनाने का प्रमुख कारण विश्व में महासागरों के महत्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है। इसके अलावा महासागर से जुड़े पहलुओं, जैसे- खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है।

शुरुआत

पहला विश्व महासागर दिवस 8 जून, 2009 को मनाया गया था। इसके बाद से प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व भर में 'विश्व महासागर दिवस' मनाया जाता है। यह दिवस सन 1992 में 'रियो डी जनेरियो' में हुए "पृथ्वी ग्रह" नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने के फैसले के बाद और वर्ष 2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस सम्बंध में आधिकारिक मान्यता दिये जाने के बाद मनाया जाने लगा।

महासागर हमारी पृथ्वी पर सिर्फ जीवन का प्रतीक है, बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी प्रमुख भूमिका अदा करता है। पृथ्वी पर जीवन का आरंभ महासागरों से माना जाता है। महासागरीय जल में ही पहली बार जीवन का अंकुर फूटा था। आज महासागर असीम जैव विविधता का भंडार है। हमारी पृथ्वी का लगभग 70 प्रतिशत भाग महासागरों से घिरा है। महासागरों में पृथ्वी पर उपलब्ध समस्त जल का लगभग 97 प्रतिशत जल समाया हुआ है। महासागरों की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यदि पृथ्वी के सभी महासागरों को एक विशाल महासागर मान लिया जाए तो उसकी तुलना में पृथ्वी के सभी महाद्वीप एक छोटे द्वीप से प्रतीत होंगे। मुख्यत: पृथ्वी पर पाँच महासागर हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं-

  1. प्रशांत महासागर
  2. हिन्द महासागर
  3. अटलांटिक महासागर
  4. उत्तरी ध्रुव महासागर
  5. दक्षिणी ध्रुव महासागर

महासागरों का सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्त्व मानव के लिए इन्हें अतिमहत्त्वपूर्ण बनाता है। इसलिए महासागरों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से सन 1992 से प्रतिवर्ष 8 जून को "विश्व महासागर दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

उद्देश्य

इस दिवस को मनाने का प्रमुख मुख्य कारण विश्व में महासागरों के महत्त्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है।। हर साल 'विश्व महासागर दिवस' पर पूरे विश्व में महासागर से जुड़े विषयों में विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं, जो महासागर के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के प्रति जागरूकता पैदा करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

 

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (अंग्रेज़ी: World Brain Tumor Day) प्रतिवर्ष '8 जून' को मनाया जाता है। चिकित्सा विशेषज्ञों का यह मानना है कि विश्व भर में हर दिन एक लाख में से दस लोग ब्रेन ट्यूमर के कारण मरते हैं। 'ब्रेन ट्यूमर दिवस' पर विश्व के अनेक देशों में कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जिनमें इस बीमारी के लक्षणों और इसके उपचार के बारे में आवश्यक जानकारियाँ दी जाती हैं। ब्रेन ट्यूमर सबसे घातक बीमारियों में गिनी जाती है।

ब्रेन ट्यूमर क्या है?

'मस्तिष्क कैन्सर' यानी 'ब्रेन ट्यूमर' एक खतरनाक रोग है। समय रहते इसका उचित इलाज नहीं कराया गया तो यह जानलेवा साबित होता है। जब मानव शरीर में कोशिकाओं की अनावश्यक वृद्धि हो, लेकिन शरीर को इन अनावश्यक वृद्धि वाली कोशिकाओं की आवश्यकता हो, तब इस अवस्था को ही कैंसर के नाम से जाना जाता है। ब्रेन के किसी हिस्से में पैदा होने वाली असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि ब्रेन ट्यूमर के रूप में प्रकट होती है।

शुरुआत

'विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस' वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष 8 जून को मनाया जाता है। इस दिवस को सबसे पहले जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन (डॉयचे हिरनट्यूमरहिल्फ़) द्वारा मनाया गया था। यह ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों के बीच शिक्षा और जन-जागरूकता प्रसारित करने वाला एक गैर लाभकारी संगठन है। जर्मनी में घातक ब्रेन ट्यूमर सामान्यत: पाया जाता है। इस बीमारी से अकेले जर्मनी में आठ हज़ार से अधिक लोग पीड़ित हैं। विश्व भर में प्रतिदिन ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने वाले पांच सौ से अधिक नए मामलों की जानकारी प्राप्त होती है। अधिकांश ट्यूमर से पीड़ित होने वाले रोगियों की संख्या ट्यूमर की तुलना में ब्रेन मेटास्टेसिस के कारण अधिक होती है। यह बच्चों में कैंसर का सबसे सामान्य प्रकार होता है।

ब्रेन ट्यूमर के बारे में कुछ तथ्य

  • ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है।
  • ब्रेन ट्यूमर होने के सही कारण स्पष्ट नहीं है।
  • ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उनके आकार, प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं।
  • वयस्कों के बीच प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार एस्ट्रोसाइटोमा, मस्तिष्कावरणार्बुद और ओलिगोडेन्ड्रोग्लियोमा हैं।
  • बच्चों में पाए जाने वाले ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार मेडुलोब्लास्टोमा, ग्रेड एक या ग्रेड दो एस्ट्रोसाइटोमा, (या तंत्रिकाबंधार्बुद) एपिन्डाइमोमा और ब्रेन स्टेम ग्लियोमा हैं।
  • ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने वाले ज़ोखिम के कारकों में पारिवारिक इतिहास एवं अधिक से अधिक संख्या में एक्सरे कराना हो सकते हैं।
  • चिकित्सक द्वारा ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने का निर्धारण, चिकित्सीय इतिहास, शारीरिक परीक्षण तथा ब्रेन एवं तंत्रिका तंत्र के विभिन्न महत्वपूर्ण परीक्षणों के आधार पर किया जाता हैं।
  • ब्रेन ट्यूमर के वैकल्पित उपचारों में शल्य चिकित्सा, विकिरण चिकित्सा और कीमोथेरेपी या उपचारों का समन्वय शामिल हैं।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ब्रेन के हिस्से में होने वाले बदलाव के आधार पर पैदा होते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, दौरा, दृष्टि समस्या, उल्टी और मानसिक परिवर्तन जैसे लक्षण हो सकते हैं। रोगी सुबह सिरदर्द और उल्टी महसूस कर सकता है। अत्यधिक विशिष्ट समस्याएँ जैसे कि चलने, बोलने और इन्द्रियबोध में परेशानी हो सकती हैं।

उपचार

चिकित्सक ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, ग्रेड और ट्यूमर की स्थिति तथा रोगी के सामान्य स्वास्थ्य के आधार पर उपचार की सलाह दे सकता है-

  • सर्जरी/शल्य-चिकित्सा
  • रेडियोथेरेपी
  • कीमोथेरपी
  • स्टेरॉयड
  • एंटी-सीज़र दवाएं
  • वेंट्रिकुलर पेरिटोनियल शन्ट

वर्ष

घटना/वारदात/वृत्तांत

1824

नोह कुशिंग ने वाशिंग मशीन का पेंटेट कराया।

1835

ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न का शहर जॉन बॅटमैन और जॉन पास्कोको फोकनर द्वारा स्थापित किया गया।

1936

भारत के सरकारी रेडियो नेटवर्क इंडियन स्टेट ब्रोडकास्टिंग्स सर्विस का नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो रखा गया।

1937

अमेरिका में न्यूयार्क शहर के एक बोटेनिकल गार्डन में दुनिया का सबसे बड़ा फूल खिला।

1940

93वें तत्व नेपप्टुनियम की खोज की घोषणा की गई।

1948

भारत की पहली विमान सेवा एयर इंडिया ने भारत और ब्रिटेन के बिच हवाई सेवा शुरू की।

1949

स्याम का नाम बदलकर थाईलैंड किया गया।

1963

अमेरिकी हृदय संघ एजेंसी (AHA) सिगरेट के विरोध में अभियान चलाने वाली पहली एजेंसी बनी।

1992

ब्राजील में पहली बार वर्ल्ड ओशियन डे (World Oceans Day) मनाया गया।